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    रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर डिविजन (Bastar Division) के दो जिलों में रविवार को तीन नक्सलवादियों ने आत्मसमर्पण (Naxal Surrender) किया जिनमें से एक 2015 में दंतेवाड़ा में हुए विस्फोट के मामले में वांछित था। हमले में पाच पुलिसकर्मी मारे गए थे। पुलिस ने आज बताया कि भीमा मंडावी (41) और जोगा मंडावी (31) ने दंतेवाड़ा जिले में जबकि पुनेम राजेश (21) ने बस्तर में पुलिस के समक्ष समर्पण किया।

    दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि जोगा मंडावी पर 2015 में दंतेवाड़ा के चोलनार में आईईडी की मदद से बारुदी सुरंग में विस्फोट करने के मामले में कथित रूप से संलिप्त होने का आरोप है। हमले में पुलिस के पांच जवान मारे गए थे जबकि आठ अन्य घायल हो गए थे।

    अधिकारी ने बताया कि भीमा मंडावी पर पिछले साल गुमियापाल गांव में पुलिसकर्मियों के परिवारों को धमकी देने, मवेशियों, अनाज और अन्य चीजें लूटने में शामिल होने का आरोप है। उन्होंने बताया कि दोनों गैर कानूनी संगठन भाकपा (माओवादी) की मिलिशिया के सक्रिय सदस्य थे।

    अधिकारी के अनुसार, दोनों नक्सलियों का दावा है कि वे पुलिस के पुनर्वास कार्यक्रम ‘लोन वराटू’ (घर वापसी) से प्रभावित हैं और माओवाद की ‘‘खोखली’ विचाराधारा से निराश होकर मुख्य धारा में लौट रहे हैं।

    इसबीच, एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में समर्पण करने वाला राजेश 2016 में प्रतिबंधित समूह में शामिल हुआ था और कांगेड़घाटी एरिया कमेटी का सक्रिय सदस्य था। वह संगठन के सचिव का गनमैन था।(एजेंसी)