India vs England Test Series Rohit Sharma defends Chepauk pitch, says every team has right to extract home advantage

भारत ने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड को 317 रन से हराकर श्रृंखला 1-1 से बराबर की थी।

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    अहमदाबाद. भारत की सीमित ओवर टीम के उप कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट (India vs England 2nd Test Match) में इस्तेमाल की गयी चेपॉक पिच (Chepauk pitch) का बचाव किया जिसकी काफी आलोचना की गयी थी और कहा कि क्रिकेट देश के लिये घरेलू हालात का फायदा उठाने के मद्देनजर पसंदीदा पिच तैयार करना कोई नयी घटना नहीं है।

    चेपॉक पिच पर पहले दिन से ही टर्न मिल रहा था, जिससे माइकल वॉन और मार्क वॉ जैसे दिग्ग्जों ने मैदानकर्मियों की इस तरह की पिच तैयार करने के लिये आलोचना की थी।लेकिन रोहित इससे सहमत नहीं थे।

    रोहित (Rohit Sharma) ने तीसरे टेस्ट से पहले वर्चुअल प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा, ‘‘पिच दोनों टीमों के लिये एक सी ही थी, इसलिये मैं नहीं जानता कि बार बार इस विषय को क्यों उठाया जाता है। दोनों टीमें एक ही पिच पर खेलीं। लोग कहते हैं कि पिच ऐसी होनी चाहिए, ऐसी नहीं लेकिन इतने वर्षों से भारतीय पिचें इसी तरह से तैयार की जाती हैं। ’’

    उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई बदलाव करने की जरूरत है। हर टीम अपने घरेलू हालात का फायदा उठाती है। ’’भारत ने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड को 317 रन से हराकर श्रृंखला 1-1 से बराबर की थी।

    रोहित (Rohit Sharma) ने कहा, ‘‘जब हम अन्य देशों में खेलने जाते हैं तो वे हमारे बारे में नहीं सोचते, इसलिये हमें किसी के बारे में क्यों सोचना चाहिए। हमें अपनी टीम की पसंद के अनुसार पिचें बनानी चाहिए। घरेलू फायदे और दूसरी टीम की सरजमीं का मतलब यही होता है, नहीं तो इसे हटा देना चाहिए। आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) को कहिये कि ऐसा नियम बनाये कि पिचें हर जगह एक सी तैयार की जानी चाहिए। ’’

    उन्होंने कहा, ‘‘हम जब विदेशों में जाते हैं तो हमारे प्रतिद्वंद्वी भी हमारे लिये मुश्किल पिच बनाते हैं। इसलिये मुझे नहीं लगता कि हमें पिचों के बारे में ज्यादा बात करनी चाहिए। हमें खेल और खिलाड़ियों के बारे में बात करनी चाहिए। ’’चेन्नई में दूसरे टेस्ट में 161 रन की पारी खेलने वाले रोहित ने कहा कि जब वह बल्लेबाजी कर रहे होते हैं तो उन्हें किसी भी प्रकार की पिच से कोई परेशानी नहीं होती।

    उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिचों के बारे में ज्यादा नहीं सोचता। अगर आप इसके बारे में ज्यादा सोचोगे तो पिच नहीं बदलेगी। इसलिये ध्यान इसी बात पर होना चाहिए कि दी हुई पिच पर कैसे खेलना चाहिए और इस पर किस तरह की तकनीक की जरूरत है। ’’उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने दिमाग को पिच के अनुसार तैयार करने की जरूरत होती है। ’’