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    बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ जो चाल चली थी, वह उसी के गले का फंदा बन गई. मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए कांग्रेस द्वारा बनाए गए तथाकथित टूलकिट (Toolkit) मामले में ट्विटर ने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ या गुमराह करनेवाला संदेश बताकर तथ्यात्मक तौर पर गलत श्रेणी में मार्क कर दिया. कांग्रेस ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) तथा अन्य नेताओं के अकाउंट बंद करने के लिए ट्विटर को पत्र लिखा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि इन नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना और समाज में अशांति फैलाने का काम किया है.

    इसलिए इन सभी के अकाउंट स्थायी रूप से निलंबित किए जाने चाहिए. पात्रा ने अपने ट्वीट (Twitter) में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि वह कोरोना संकट के दौरान टूलकिट के जरिए सोशल मीडिया के माध्यम से देश में भ्रम की स्थिति पैदा करने और प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब कर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है. पात्रा ने ट्वीट में कांग्रेस के लेटरहेड सहित कुछ कागज भी शेयर किए थे. पात्रा के ट्वीट को ट्विटर ने तिकड़म से जोड़तोड़ किया हुआ बताया. ट्विटर ने अपने बयान में कहा कि वह लगातार निष्पक्ष ढंग से काम कर रहा है और किसी भी ट्वीट के कंटेंट (सामग्री) के आधार पर जो नियम हैं उस पर एक्शन लिया जाता है. ट्विटर के कदम से नाराज सरकार ने कहा कि ट्विटर द्वारा किसी संदेश के तथ्यहीन होने का एकतर्फा निष्कर्ष निकालना गलत, द्वेषपूर्ण, मनमाना व पूर्वाग्रहयुक्त है.

    जांच को अलग ही रंग दिया जा रहा है. ट्विटर ने मर्यादा लांघ कर गलत काम किया है. इस मामले में जांच बकाया रहते ट्वीट को तथ्यविहीनता की अलग श्रेणी में डालना सोशल मीडिया के मंच की निष्पक्षता में बाधा उत्पन्न करना है. ट्विटर को हस्तक्षेप का प्रयत्न नहीं करना चाहिए. उधर कांग्रेस का आरोप है कि टैगिंग ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि टूलकिट की शिकायतें बीजेपी द्वारा की गई जालसाजी व धोखाधड़ी है.