50 से ज्यादा उम्र वाले निशाने पर निकम्मे अफसरों की छुट्टी करेगा केंद्र

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    कितने ही दशकों से यही धारणा बनी हुई है कि एक बार किस्मत से सरकारी नौकरी मिल जाए तो जिंदगी में आराम ही आराम है. काम न करो तो भी नौकरी कायम रहती है. समय पर मोटी सैलरी और तरह-तरह के भत्ते मिलते हैं. रिटायर होने पर पेंशन व अन्य लाभ मिलना तय रहता है. कितने ही सरकारी अफसर यह मानकर कि उनका कोई क्या बिगाड़ लेगा, पूरी क्षमता से काम नहीं करते. अब ऐसे मामले में सरकार का रवैया पूरी तरह व्यावहारिक और सख्त हो गया है. उसने कामचोर व निकम्मे अफसरों की छुट्टी करने का फैसला किया है.

    ऐसे अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया जाएगा. सरकार ने अंडर सेक्रेटरी स्तर के अफसरों के कामकाज का रिव्यू, समीक्षा या आकलन करने का आदेश दिया है. यह रिव्यू कम काम करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों व 50 वर्ष से अधिक उम्र पार कर चुके अधिकारियों का होगा. ‘अंडर परफॉर्म’ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सरकार एक्शन ले सकती है. पिछली बार टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े कई अधिकारियों को समय से पहले रिटायर कर दिया गया था जिनका कामकाज संतोषजनक नहीं था. जो अधिकारी लक्ष्य पूरा करने की क्षमता न रखते हों, छुट्टियां ज्यादा लेते हों, जिनका स्वास्थ्य ठीक न रहता हो या जिनकी प्रापर्टी या लेनदेन उन्हें संदिग्ध बनाता हो, ऐसे 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले अफसर रडार पर आ जाएंगे. अगस्त 2020 में ही सरकारी अधिकारियों के कामकाज की रिव्यू के आदेश दे दिए गए थे.

    सर्विस रिकार्ड में अधिकारी को मिले टारगेट के अलावा फाइल क्लीयर करना, पेपर सबमिट समेत अन्य चीजों को मापा जाएगा. मंत्रालयों तथा विभागों को फार्म दिया गया है, जिसका एक भी कॉलम खाली नहीं रखना होगा और सारे मुद्दे दर्ज करने होंगे. रिव्यू के लिए 2 सदस्यों की कमेटी बनेगी जो संबंधित अधिकारी के कामकाज की समीक्षा करेगी. इसमें केवल उन अफसरों को राहत मिलेगी जिनके रिटायरमेंट में 1 वर्ष तक का ही समय बचा है. उन्हें समय से पहले रिटायर नहीं किया जाएगा.