Firecrackers
प्रतीकात्मक तस्वीर

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दीपावली (Diwali) और पटाखों (Firecrackers) का रिश्ता वैसा ही है जैसा होली और रंगों का! लोग कई पीढ़ियों से पटाखे फोड़ते आए हैं. पहले तो यह भी कहा जाता था कि पटाखे के धुएं से मच्छर और कीटाणु नष्ट हो जाते हैं लेकिन समय के साथ दृष्टिकोण बदल गया. अब पर्यावरण की रक्षा महत्वपूर्ण हो गई है और विगत कुछ वर्षों से पटाखाविहीन दीपावली मनाने का प्रचार किया जा रहा है. यह तर्क सही है कि पटाखों के धुएं से श्वांस की बीमारियां फैलती हैं और अस्थमा व ब्रॉन्काइटिस के मरीजों को सांस लेना दूभर हो जाता है. पटाखों का शोर भी नुकसानदेह है. कितनी ही दुर्घटनाएं पटाखों की वजह से होती हैं. कोई जल जाता है तो किसी की आंख की रोशनी चली जाती है. पटाखे की दुकान में आग लगने से आसपास के मकान उसकी चपेट में आ जाते हैं. पालतू प्राणी भी पटाखे की आवाज से भयभीत और विचलित हो जाते हैं.

राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल ने दिल्ली-एनसीआर में 30 नवंबर तक पटाखा जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. अन्य राज्यों के लिए एनजीटी ने कहा है कि जहां पर वायु गुणवत्ता अच्छी है, वहां पर दिवाली के दिन पटाखे जलाए जा सकते हैं. पटाखे पर प्रतिबंध से इसके कारोबार को करारा झटका लगेगा. पहले ही काफी बेरोजगारी है, पटाखे पर रोक लगाने से इससे जुड़े 5 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे. देश में लगभग 9,000 करोड़ रुपए का पटाखा कारोबार है. तमिलनाडु के शिवाकाशी में 1070 पटाखा निर्माता कंपनियां रजिस्टर्ड हैं जहां देश के 80 प्रतिशत पटाखे बनते हैं. वहां गत वर्ष 6000 करोड़ का कारोबार हुआ था. दिवाली से पहले पटाखों की बिक्री व जलाने पर राज्यों द्वारा प्रतिबंध लगने से इस व्यापार से जुड़े लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. बच्चे पटाखे के बिना रह नहीं सकते.

ग्रीन पटाखे से रोशनी और आवाज कम होती है लेकिन फायदा यह है कि इनसे 40 से 50 प्रतिशत कम प्रदूषण होता है. यद्यपि भारतीय पटाखों की तुलना में चीनी पटाखे सस्ते होते हैं और आसानी से फूटते हैं लेकिन पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोजिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन ने पटाखों व आतिशबाजी के आयात के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया. वैसे देश में चोरी-छिपे गैरकानूनी तरीके से लगभग 30 प्रतिशत पटाखे मार्केट में आ जाते हैं. इससे स्वदेशी पटाखा उद्योग को नुकसान होता है. अब चीन से तनाव के बाद वहां के पटाखे व अन्य सामान देश में आने पर कड़ी पाबंदी लगा दी गई है. इसलिए इस बार पटाखे 10 से 15 प्रतिशत महंगे मिलेंगे.