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    दिल्ली: इस साल मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में चार अभ्यर्थियों को 720 में से सर्वाधिक 715 अंक मिले हैं। हालांकि, पिछले साल के विपरीत इन चारों को संयुक्त रूप से शीर्ष रैंक नहीं मिली है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने राजस्थान की तनिष्का को पहला स्थान देने के लिए एक नयी ‘टाई-ब्रेकर’ नीति का इस्तेमाल किया। दिल्ली के वत्स आशीष बत्रा को दूसरी रैंक मिली, जबकि कर्नाटक के हृषिकेश नागभूषण गंगुले और रुचा पावाशे को क्रमश: तीसरी और चौथी रैंक मिली है। एनटीए अधिकारियों के अनुसार, रैंक तय करने के लिए एक पूर्व-निर्धारित क्रम में नौ कारकों का उपयोग ‘टाई ब्रेकर’ के रूप में किया गया।

    एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘समान अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के मामले में, जीव विज्ञान (वनस्पति विज्ञान और प्राणी विज्ञान) में उच्चतम अंक और पर्सेंटाइल प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को वरीयता दी जाएगी। इसके बाद रसायन विज्ञान में उच्चतम अंक और पर्सेंटाइल प्राप्त करने वाले तथा इसके बाद भौतिकी में उच्चतम अंक और पर्सेंटाइल प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को वरीयता दी जाएगी।”

    उनके अनुसार, परीक्षा में सभी विषयों में सही उत्तरों की तुलना में कम गलत उत्तरों वाले अभ्यर्थी, उसके बाद जीव विज्ञान (वनस्पति विज्ञान और प्राणी) में सही उत्तरों की तुलना में सबसे कम गलत उत्तर अनुपात, इसके बाद रसायन विज्ञान में सही उत्तरों की तुलना में सबसे कम गलत उत्तर अनुपात और इसके बाद भौतिक विज्ञान में सही उत्तरों की तुलना में सबसे गलत उत्तर अनुपात जैसे अन्य निर्णायक कारक रैंकिंग तय करने का आधार होंगे। 

    अधिकारी ने कहा, “यदि फिर भी अभ्यर्थियों के बीच टाई रहे तो उम्र में बड़े अभ्यर्थी, उसके बाद आरोही क्रम में उनकी नीट आवेदन संख्या को टाई ब्रेकर के रूप में उपयोग किया जाएगा। यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक अभ्यर्थी को काउंसलिंग उद्देश्यों के लिए एक अद्वितीय रैंक मिलती है और इसीलिए इस साल दो अभ्यर्थियों को एक ही रैंक पर बराबरी पर नहीं रखा गया है।” पिछले साल, तीन अभ्यर्थियों को संयुक्त रूप से शीर्ष रैंक मिली थी। इन अभ्यर्थियों में तेलंगाना से मृणाल कुटेरी, दिल्ली से तन्मय गुप्ता और महाराष्ट्र से कार्तिका नायर का नाम था। अधिकारी ने कहा, “पहले भी टाई-ब्रेकर फॉर्मूला था, लेकिन इसके बावजूद पिछले साल तीन अभ्यर्थियों को संयुक्त रूप से पहली रैंक दी गई थी।

    इस साल से, हमने एक नयी नीति अपनाने का फैसला किया है।” चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) का परिणाम बुधवार को घोषित किया गया। परीक्षा में बैठने वाले 17,64,571 अभ्यर्थियों में से 9,93,069 (56.3 प्रतिशत) उत्तीर्ण हुए हैं। इस बार भी लड़कियों ने बाजी मारी है। उत्तीर्ण लड़कों की संख्या 4,29,160 है, जबकि उत्तीर्ण लड़कियों की संख्या 5,63,902 है।

    पिछले साल की तुलना में इस साल योग्यता अंक सीमा कम रही। सामान्य और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए योग्यता अंकों की सीमा 2021 में 720-138 थी, जबकि इस साल यह 715-117 निर्धारित की गई थी। ओबीसी, एससी/एसटी श्रेणियों के लिए कट-ऑफ 2021 में 137-108 थी जो इस साल कम होकर 116-93 रही। इसी तरह, सामान्य/ईडब्ल्यूएस दिव्यांगजन अभ्यर्थियों के लिए इस साल योग्यता अंक सीमा 116-105 रही, जबकि 2021 में यह 137-122 थी। इस वर्ष ओबीसी, एससी/एसटी दिव्यांगजन अभ्यर्थियों के लिए योग्यता अंक सीमा 104-93 थी। देश भर के 497 शहरों और भारत के बाहर 14 शहरों में 3,570 विभिन्न केंद्रों पर 17 जुलाई को आयोजित प्रवेश परीक्षा में लगभग 95 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई थी। (एजेंसी)