Shahrukh Khan

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मुंबई: अभिनेता शाहरुख खान के कार्यालय (Shah Rukh Khan Office ) ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि कतर की जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों की रिहाई में वह शामिल थे। अभिनेता के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि कूटनीति और शासन-कला से जुड़े मामलों को ‘‘हमारे बेहद सक्षम नेता” सबसे अच्छे तरीके से संभालते हैं। कतर ने सोमवार को भारतीय नौसेना के उन पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी और जिनकी सजा को अलग-अलग अवधि की जेल की सजा में बदल दिया गया था। इनमें से सात स्वदेश लौट आये हैं।

मंगलवार को अटकलें लगाई गईं कि शाहरुख ने जेल में बंद भारतीयों की रिहाई में भूमिका निभाई है। खान कतर में बेहद लोकप्रिय हैं और हाल में उन्होंने दोहा में एक कार्यक्रम के दौरान देश के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी से मुलाकात की थी।

पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया था कि अभिनेता खान ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनका पोस्ट व्यापक रूप से प्रसारित हुआ। अभिनेता के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कतर से भारत के पूर्व नौसैन्य अधिकारियों की रिहाई में शाहरुख खान की कथित भूमिका से संबंधित खबरों के संबंध में शाहरुख खान के कार्यालय का कहना है कि उनकी भागीदारी के ऐसे कोई भी दावे निराधार हैं…।” बयान में कहा गया, ‘‘कूटनीति और शासन कला से जुड़े सभी मामलों को हमारे बहुत सक्षम नेताओं द्वारा बहुत अच्छी तरह से संभाला जाता है।” 

शाहरुख खान की प्रबंधक पूजा डडलानी ने भी इस संबंध में इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है। बयान में कहा गया, ‘‘कई अन्य भारतीयों की तरह खान भी खुश हैं कि पूर्व नौसैन्य अधिकारी वतन लौट आए हैं और वे उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।” अभिनेता खान (58) ने हाल में दोहा में एशियाई फुटबॉल क्लब फाइनल में हिस्सा लिया, जहां वह विशिष्ट अतिथि थे। आठ भारतीयों की रिहाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 14-15 फरवरी की कतर यात्रा से पहले हुई। इन पूर्व नौसेनिकों पर जासूसी के आरोप लगे थे, लेकिन न तो कतर के अधिकारियों और न ही नयी दिल्ली ने उनके खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया।

8 पूर्व नौसैनिकों को सुनाई गई थी मौत की सजा 

बता दें कि इन 8 पूर्व नौसैनिकों को कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। ये सभी अफसर कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करते थे। दहरा ग्लोबल डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है। इन 8 नौसैनिकों के साथ दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी के प्रमुख स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन नवंबर 2022 में उन्हें छोड़ दिया गया। 

26 अक्टूबर 2023 को इन सभी पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई। जिसके बाद 28 दिसंबर 2023 को इनकी मौत की सजा कैद में बदली गई थी। कतर ने जब भारतीय नेवी के पूर्व सैनिकों को फांसी की सजा सुनाई थी, तो पूरा देश इनके लिए चिंतित हो गया था। इनके परिजनों की ओर से रिहाई और सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई जा रही थी।