मुंबई : मशहूर पंजाबी सिंगर (Punjabi Singer) और रैपर (Rapper) सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) अब हमारे बीच नहीं हैं। 29 मई, 2022 को मनसा (Mansa) में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। वहीं बीते रविवार को सिद्धू मूसेवाला का 31वां जन्मदिन था। सिंगर के जन्मदिन के मौके पर परिवार वालों और उनके गांव मूसा के लोगों ने उनका बर्थडे मनाया गया। इस दौरान इंटरनेशनल रैपर सटैफलिन डॉन भी मूसेवाला के परिवार से मिलने के लिए पंजाब पहुंची।
जहां उन्होंने सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकार सिंह के साथ बातचीत की। साथ ही सिंगर के गानों की जमकर तारीफ भी की। सटैफलिन डॉन ने मूसेवाला के जन्मदिन पर उनके प्रशंसकों को बधाई भी दी। इस दौरान रविवार की देर शाम को परिवार के सदस्यों और प्रशंसकों ने मनसा गांव में कैंडल मार्च निकाला और सिद्धू मूसेवाला के लिए इंसाफ की मांग की। इस कैंडल मार्च में सटैफलिन डॉन भी शामिल रहीं। जिसका एक वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है।
#WATCH | Punjab: Family members and fans of Punjabi singer-politician Sidhu Moosewala hold a candle march on his birth anniversary in Mansa village yesterday.
Sidhu Moosewala was murdered on May 29 last year. pic.twitter.com/qU8EMDvCYm
— ANI (@ANI) June 12, 2023
बता दें कि सिद्धू मूसेवाला के पंजाब के साथ-साथ विदेशों में भी बड़ी संख्या में फैंस मौजूद हैं। सिंगर ने अपने गानों से लोगों में अपनी एक खास पहचान बनाई थी। वहीं उनके निधन से उनके परिवार वालों को और उनके फैंस को गहरा धक्का लगा है। अगर आज सिंगर सिद्धू मूसेवाला हमारे बीच होते तो वो 29 साल के हो जाते। सिंगर के जन्मदिन के मौके पर उनकी मां चरण कौर बेटे सिद्धू मूसेवाला को याद करते हुए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पंजाबी में एक नोट लिखी थीं।
जिसमें उन्होंने लिखा था, “जन्मदिन मुबारक हो बेटा, आज ही के दिन मेरी इच्छा और प्रार्थना पूरी हुई थीं, जब मैंने तुम्हें पहली बार अपने सीने से लगाकर महसूस किया था, और मुझे पता चला कि अकाल पुरख ने मुझे एक बेटा दिया है। आप धन्य हैं, अच्छा आप जानते हैं कि आपके नन्हें पैरों पर हल्की लाली थी, किसे नहीं पता था कि ये छोटे-छोटे कदम गांव में बैठे-बैठे चल पड़े हैं। पूरी दुनिया की यात्रा करने के बाद, उनकी मोटी, मोटी आँखें थीं, जो केवल सत्य को देखने और पहचानने का कौशल लेती थीं।”
उन्होंने आगे लिखा था, “आए थे, उन्हें नहीं पता था कि वे पंजाब की पीढ़ी के लिए दुनिया की एक अलग दृष्टि के साथ युद्ध छोड़ देंगे, और आपकी कलम, जो इन गुणों की पहचान है, जिसे आपके भ्रम-जैसे छोटे हाथों ने पकड़ रखा था, जो मैंने देखा कि मैं नहीं जानती थी कि इन हाथों में युगों को उलटने की शक्ति थी, और सिर पर बालों का भ्रम था जिसमें पगड़ी जैसा कीमती मुकुट था, जिसे मैं नहीं जानती थी कि मैं कब स्पर्श करूंगी पिछली बार, जैसा कि उस समय अकाल पुरख ने मुझे बताया था कि कौन सी।
मैं एक बेटे की मां बनी हूं, उसका जन्म दुनिया को सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलने का अधिकार देने के लिए हुआ है, इसलिए मैंने आपके खाते में लिखे षड्यंत्रों और हमलों में अपना हिस्सा लिखा, बेटा, बेशक आप नहीं मेरे पीछे आओ। देखो, मैं तुम्हें हमेशा अपने आसपास महसूस करती हूं, बेटा, तुम जहां भी हो खुश रहो, मैं तुम्हारे जन्मदिन पर यही प्रार्थना करती हूं, आज तुम्हारी बहुत याद आती है।”