कसरती काया का जबरदस्त स्टंट दिखाते नजर आये विद्युत जामवाल और अर्जुन रामपाल

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मुंबई: निर्देशक आदित्य दत्त की फिल्म ‘क्रैक-जीतेगा तो जियेगा’ एक एक्शन प्रधान फिल्म है, जिसमें एक्टर विद्युत् जामवाल की कसरती काया का जबरदस्त स्टंट दिखता है और कभी-कभी अर्जुन रामपाल भी बढ़ाती उम्र में बॉडी बिल्डिंग से बनी काया का तड़का लगाते नजर आते हैं। इस फिल्म के निर्माण का एकमात्र मकसद एक्शन पसंद करने वाले युवाओं को कैश करना है और इसमें निर्देशक काफी हद तक सफल है।

कहानी

यह कहानी दो भाइयों की है जिन्हें खतरों से खेलने का शौक है। विद्युत और उसका भाई वर्चुअल गेमिंग ‘मैदान’ का हिस्सा बनना चाहते हैं जिसमें उनकी जान को खतरा है लेकिन सिद्धू (विद्युत जामवाल) अपने बड़े भाई के सपने को पूरा करने के लिए सब कुछ छोड़ देता है जो पहले ही इस गेम में अपनी जान गंवा चुका है। मैदान का मास्टरमाइंड देव (अर्जुन रामपाल) है जो पूरे गेम को नियंत्रित करता है। पैट्रिका नोवाक (एमी जैक्सन) वह पुलिसकर्मी है जिसे देव की गुप्त योजना के बारे में पता चलता है और सिद्धू बीच में फंस जाता है और अपने खेल से विचलित हो जाता है और अपने भाई की मौत के पीछे का कारण जानने की कोशिश करने लगता है। बाद में विद्युत यानी सिद्धू को गेम में खेलने का मौका मिलता है लेकिन फिर भी वह अपने भाई की मौत का कारण ढूंढने में जी जान लगा देता है और उसकी मौत का बदला लेने के लिए तैयार रहता है। इस बीच, मैदान की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर आलिया (नोरा फतेही) और सिद्धू (विद्युत) को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है, लेकिन आलिया देव को छोड़ देती है और अपना सच्चा प्यार साबित करने के लिए सिद्धू का समर्थन करती है। रेस के तीन राउंड के बाद देव और सिद्धू के बीच एक अद्भुत लड़ाई होती है जो हर किसी का दिल जीत लेती है।

एक्टिंग

विद्युत फिल्म की जान हैं, आप उनसे जिस तरह के एक्शन की उम्मीद करेंगे वो स्क्रीन पर बेहतरीन अंदाज में नजर आएगा। नोरा का स्क्रीन टाइम कम है और फिर भी उनके एक्सप्रेशन हर वक्त एक जैसे ही रहते हैं, जबकि एमी जैक्सन की एक्टिंग से ज्यादा उनका एक्शन शानदार है। साथ ही विद्युत के मुकाबले अर्जुन रामपाल की एक्टिंग फीकी रही, लेकिन उन्होंने अंत तक अपना किरदार बखूबी निभाया।

निर्देशन 

फिल्म का निर्देशन आदित्य दत्त ने किया है और क्रैक जैसी फिल्म के लिए विद्युत और बाकी कलाकारों के पास अच्छा चयन है, जिसे एक अच्छा निर्देशक ही चुन सकता है। फिल्म में कहीं-कहीं बेमतलब का एक्शन भी होगा जो खास जरूरी नहीं था, लेकिन फिर भी एक्शन प्रेमी एक बार फिल्म देख सकते हैं। फिल्म तो ठीक-ठाक है। ‘क्रैक’ की मूवी रेटिंग 3.5 है।