निर्देशक अनिल शर्मा की फिल्म 'गदर: एक प्रेम कथा' (2001) की सीक्वल 'गदर 2' ने आज सिनेमाघरों में दस्तक डे दिया है. करीब 22 वर्षों के बाद एक बार फिर तारा के किरदार को एक अहम मकसद के लिए दर्शकों के बीच दोबारा लाया गया.
फिल्म: गदर 2
कास्ट: सनी देओल, अमीषा पटेल, उत्कर्ष शर्मा, सिमरत कौर और मनीष वाधवा
निर्देशक: अनिल शर्मा
रेटिंग्स: 3 स्टार्स
कहानी: निर्देशक अनिल शर्मा की फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ (2001) की सीक्वल ‘गदर 2’ ने आज सिनेमाघरों में दस्तक डे दिया है. करीब 22 वर्षों के बाद एक बार फिर तारा के किरदार को एक अहम मकसद के लिए दर्शकों के बीच दोबारा लाया गया. इस बार फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है और दिखाया जाता है कि किस प्रकार पाकिस्तान अपने अपमान का बदला लेने की तांक में बैठा हुआ है और तारा के बेटे जीते (उत्कर्ष शर्मा) को बंदी बना लेता है. इस बार अपने बेटे की खातिर तारा दोबारा पाकिस्तान जाता है और न सिर्फ उसे वापस लेकर आता है बल्कि पाकिस्तान को उसकी हैसियत दिखाकर उसे एक बार फिर सभी के सामने नंगा करता है.
अभिनय: 90 के दशक में जिस प्रकार सनी देओल सिनेमाघरों में दहाड़ते थे, उनका वहीँ अंदाज एक बार फिर देखने को मिला. इस उम्र में भी जिस प्रकार से उन्होंने अपने मशहूर तारा सिंह के किरदार को निभाया वो बेहद सराहनीय हिया. फिल्म में अमीषा भी एक मां के किरदार में जचती दिखी. वहीं उत्कर्ष शर्मा की बात करें तो वें एक बेहतरीन कलाकार हैं जिन्होंने फिल्म के पहले हिस्से में जहां अपना लोवर बॉय इमेज दिखाया वहीं इंटरवल के बाद उनमें एक सच्चा देश प्रेमी देखने को मिला. पाकिस्तान के आर्मी जनरल के किरदार में मनीष वाधवा कमाल करते हैं. उनके किरदार में द्वेष और हैवानियत साफ झलकती है जो पर्दे पर बेहद उनके रोल में जान डालती है. वहीँ सिमरत कौर ने उत्कर्ष के किरदार चरणजीत सिंह की प्रेमिका के रोल में भी सराहनीय काम किया है.
म्यूजिक: इस फिल्म के साथ एक बार फिर इसके आइकॉनिक ट्रैक ‘तू घर आजा परदेसी’ को रिक्रिएट किया गया जोकि यकीनन बेहद शानदार है. उदित नारायण की आवाज में एक बार फिर इस गाने को नएपण के साथ पेश किया गया जो मन को भाता है. फिल्म के अन्य गाने भी ठीक-ठाक है लेकिन ‘तू घर आजा परदेसी’ इसके सीक्वल में भी इसकी पहचान है.
फाइनल टेक: गदर कहानी है प्रेम, आत्मसम्मान और राष्ट्र के प्रति सम्मान और समर्पण की. ये फिल्म दशकों को एंटरटेन करने के साथ ही पड़ोसी मुल्क को ‘गजवा-ए-हिंद’ नहीं बल्कि ‘जज्बा-ए-हिंद’ की भावना रखने के संदेश देती है. फिल्म की कहानी में नयापन केवल इस बात का है कि इस बार तारा अपनी पत्नी और बेटे की जगह अपने बेटे को सही सलामत वापस भारत लाने के लिए पाकिस्तान जाता है जहां एक बार फिर वो मारधाड़ और एक्शनबाजी करता दिखता है. फिल्म के एक्शन सीन्स और डायलॉग्स इसकी जान है. ये फिल्म देशभक्ति के जज्बे को जगाती है और साथ ही कुछ हिस्सों में हमें एक बाप-पिता के प्यार से रूबरू कराती है. ओवरऑल बात करें तो अगर आपको देशभक्ति और एक्शन से जुड़ी फिल्में पसंद है तो आप ये फिल्म जरूर देखें.