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  • किसानों के साथ हो रहा मजाक
  • आदिवासी विकास महामंडल में बारदाना घोटाला

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गोंदिया. शीघ्र ही किसानों के धान की खरीदी शुरू होने वाले है. धान खरीदी के लिए बारदानों की जरूरत पड़ने वाली है. किसानों धान खरीदी करते समय बारदाने की किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े और धान की बिक्री समय पर हो जाए, इस उद्देश्य से किसानों के ही बारदाने में धान खरीदी के निर्देश सरकार ने दिए है. इसके लिए सरकार ने किसानों को प्रति बारदाना के लिए 23 रुपये दिए गए हैं, किंतु आदिवासी विकास महामंडल ने किसानों को सिर्फ 15 रुपये का भुगतान किया है.

किसानों से खरीदा 6.59 लाख का बारदाना

यह खुलासा आरटीई के माध्यम से मांगी गई जानकारी में हुआ है. इसमें आदिवासी महामंडल ने लाखो का बारदाना घोटाले का संदेह व्यक्त किया जा रहा है. किसानों के खेती माल को उचित भाव मिले, बाजार में व्यापारियों के माध्यम से उनका आर्थिक शोषण रोकने गारंटी भाव धान खरीदी योजना चलायी जा रही है.

जिले में आदिवासी विकास महामंडल की ओर से धान की खरीदी की जाती है. वर्ष 2019-20 इस खरीफ व रबी मौसम के लिए आदिवासी विकास महामंडल की ओर से 28 धान खरीदी केंद्र शुरू किए गए थे. इसमें धान खरीदी के लिए आदिवासी विकास महामंडल ने एक बार उपयोग वाले बारदाने में किसानों से धान खरीदी की है.

आदिवासी महामंडल को खरीफ मौसम के लिए 9 लाख 88 हजार 292 रुपये व रबी के लिए 1 लाख 74 हजार 837 रुपये मिलाकर कुल 11 लाख 63 हजार 129 रुपये कीमत के बारदाने की आवश्यकता थी. इसमें महामंडल ने जिले के किसानों से 6 लाख 59 हजार 360 रुपये का पुराना बारदाना खरीदी किया. जिसमें गोठनगांव, केशोरी, बाराभाटी, इड़दा, पांढरवानी, कनेरी, चिखली, कोहमारा, सड़क अर्जुनी, परसोडी, खजरी, डव्वा, दल्ली, डोंगरगांव, कोयलारी स्थित धान खरीदी केंद्रों का समावेश हैं.

महामंडल को पुराना बारदाना खरीदी के लिए प्रति नग 23 रुपये के अनुसार शासन से निधि प्राप्त हुई, जबकि महमंडल ने किसानों को केवल 15 रुपये प्रति नग के हिसाब से भुगतान किया है. आरटीई कार्यकर्ता रोशन बडोले ने सूचना की अधिकार के तहत जानकारी कर महामंडल की पोल खोल दी है. 

किसानों से धोखाधड़ी : बडोले 

रोशन बडोले के अनुसार धान खरीदी केंद्रों पर किसानों के साथ हमेशा शोषण होने की बात सभी जानते हैं लेकिन अब आदिवासी विकास महमंडल भी किसानों पर नजर रखकर उनके साथ आर्थिक धोखाधडी कर रहा है, शासन ने किसानों को बारदाने के बदले में 23 रुपये प्रतिनग राशि वापस दी है, जबकि महामंडल ने 15 रुपये के हिसाब से बारदाने की कीमत किसानों को दी है, इस प्रकरण की जांच कर किसानों को 23 रुपये अनुसार भुगतान करने की मांग बडोले ने की है.