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गोंदिया. जिले में वन्य प्राणियों का शिकार, उसकी खाल व अवयवों को बेचने वाली टोली सक्रिय है. वन विभाग शिकार की घटनाओं पर रोक लगाने विभिन्न प्रकार की उपाय योजना कर रहा है. बावजूद शिकार करने वाले टोली के सदस्य बाघ व तेंदुए का सतत शिकार कर रहे हैं. इसी तरह का एक मामला नवेगांवबांध थाना अंतर्गत ग्राम भिवखिडकी में सामने आया है. जहां पुलिस विभाग ने लांजेवार राइस मिल के परिसर में 5 लाख कीमत की तेंदुए की खाल के साथ 3 लोगों को गिरफ्तार किया है.

इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि कुछ व्यक्ति भंडारा जिले से गोंदिया जिले के ग्राम भिवखिड़की में तेंदुए की खाल बिक्री करने का प्रयास कर रहे हैं. इसके आधार पर नवेगांवबांध थाने के थानेदार बी. डी. बोरसे के नेतृत्व में छापामार कार्रवाई की गई.

पुलिस ने नकली ग्राहक भेजा

पुलिस ने अपने ग्राहक को मोहरा बनाकर खाल की खरीदी करने आरोपियों के पास भेजा. जिससे तेंदुए की खाल, दांत व पंजों का सौदा 5 लाख  किया गया. इसमें खाल खरीदी का सौदा होने के बाद उसका संकेत मिलते ही पुलिस ने धावा बोल दिया. इसमें भंडारा जिले की साकोली तहसील अंतर्गत झाडगांव निवासी देवीदास दागो मरसकोल्हे (52), लाखनी तहसील के ग्राम कोहरा निवासी मंगेश केशव गायधने (44) व साकोली निवासी रजनीश पुरुषोत्तम पोगडे (32) को गिरफ्तार किया गया.

प्रकरण आगे जांच के लिए वन विभाग के अधिकारियों को सौंपा है. कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे, अपर पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी, उपविभागीय पुलिस अधिकारी जालिंदर नालकुल के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक बी. डी. बोरसे, पुलिस उपनिरीक्षक नरेश उरकुडे, हेड कांस्टेबल कोडापे, मडावी, चांदेवार, कोरे, देशमुख, भोगारे, मस्के, डहारे, लांडगे, क्षीरसागर, डोंगरवार, बर्वे, श्याम कोकोडे, सोनवाने, वन अधिकारी अग्र्रिम सैनी, एन.टी.चव्हान व विशाल बोराडे आदि ने की है. 

5 दिन पूर्व मिला था बाघ का शव

जिला पुलिस मुख्यालय से 5 किमी दूर पश्चिम क्षेत्र के चुटिया-लोधीटोला परिसर में 15 नवंबर की शाम एक बाघ का शव मिला था. इस प्रकरण की स्याही अभी सूखी भी नही थी कि तेंदुए की खाल बिक्री मामले ने वन विभाग में हड़कंप मचा दिया.