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    गोरेगांव. गोरेगांव शहर लंबी अवधि से बदहालियों से गुजर रहा है जहां एक ओर कोरोना तो दूसरी ओर शहर की बदहाली महामारी को बढ़ावा दे रही है. मुख्य चौक बस स्टाप से लेकर शहर के अंतिम छोर तक व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. प्रशासक काल के दौरान शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं है. जिसके कारण नागरिक प्रशासन के विरोध में सोशल मीडिया पर रोष प्रकट कर रहे हैं.

    कोरोना वायरस के बढ़ते हुए कहर को रोकने गांवों व शहरो में साफ-सफाई व जंतु नाशक छिड़काव जैसे कार्य किये जा रहे हैं जो तहसील के अनेक ग्राम पंचायतों में भी देखा जा रहा है. वायरस को नष्ट करने में हर कोई लगा हुआ है, लेकिन गोरेगांव नगर पंचायत में उलटी गंगा बह रही है. इस नाजुक स्थिति में भी साफ-सफाई व छिड़काव जैसे महत्वपूर्ण बातों पर प्रशासन का ध्यान नहीं है यहां तरह-तरह गंदगी व बदबू से शहर का बुरा हाल है जिसका एक उदाहरण नगर पंचायत कार्यालय के ठीक बगल में ही देखा जा सकता है. यहां प्रमुख बस स्टाप चौक में स्थित यात्री प्रतीक्षालय कूड़ेदान में तब्दील हो गया है.

    बस की प्रतीक्षा में विद्यार्थी व यात्री को कूड़े कचरे के ढेर के बीच बैठना पड़ रहा है. लाकडाउन के बंदोबस्त व देख रेख में लगे सभी बड़े अधिकारी यह नजारा खामोशी से देख रहे हैं, लेकिन प्रशासन मास्क ना पहनने वाले व्यक्तियों से जुर्माना वसूलने में लगा हुआ है. शहर की दुर्दशा पर किसी का ध्यान नहीं है. वैसे भी यहां महामारी को लेकर यहा नागरिक परेशान हैं ऊपर से शहर में गंदगी धूल मिट्टी बदबू ने अलग परेशान कर रखा है. 

    8 दिनों से आधा गोरेगांव अंधेरे में

    शहर के स्ट्रीट लाइट में खराबी आने से आधा शहर पिछले 8 दिनों से अंधेरे में है यह समस्या शहर के प्रभाग क्र. 2,3,4 व 6 में साफ नजर आ रही है. जिसमें ठाना चौक , महाजन नगर, सुनार मोहल्ला, पुरानी बस्ती, बड़ी गली, छोटी गली, यह सभी एरिया प्रभावित हुआ है.     

    जानकारी के अनुसार पिछले 2 महीनों से आधे शहर में स्ट्रीट लाइट की यहां एक समस्या निरंतर रही है. एक ही मीटर पर अधिक भार होने से यहां बार-बार स्ट्रीट लाइट बंद होने की समस्या बनी हुई थी जिसके चलते इस एरिया में एक नये मीटर की मांग थी. प्रशासन की उदासीनता से पुराना भी मीटर जल गया, लेकिन नया मीटर नहीं लग पाया. ऐसे में यहां आधा शहर अंधेरे में डूब गया है. जिसमें पूरा एक हफ्ता गुजर जाने के बाद भी नए मीटर की व्यवस्था नगर पंचायत में नहीं की है जिससे नागरिक परेशान हैं व रोषित हैं. इसे लेकर सोशल मीडिया पर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की जा रही है. ‌ताकि प्रशासन नींद से जाग सके. 

    नपं इलेक्ट्रिशियन लोकचंद राउत ने बताया कि नये मीटर की मांग महावितरण से की है लेकिन मीटर कब लगता यह महावितरण पर निर्भर है.