गोंदिया. शनिवार के दिन दीपावली त्योहार का सबसे मुख्य दिन यानि लक्ष्मीपूजन है. दीपावली के उपलक्ष्य में बाजार सज चुका है. खरीदारों की भीड़ उमड़ रही हैं, लेकिन हर मन में आस्था और विश्वास वही है, किंतु बदलते दौर के साथ दीपावली पर्व के बाजार का स्वरूप बदल चुका है. मिट्टी के दीपक की जगह घर-घर कृत्रिम रोशनी की जगमगाहट है, तो मोमबत्ती ने मोम के दियों का रूप ले लिया है. सिंदूर और रंगोली से बनने वाले स्वास्तिक अब एलइडी युक्त हो गए हैं.
मिठाइयों का स्वाद भी बदला है. रोशनी के पर्व दीपावली पर बाजार का यह नया लुक लोगों को रास आ रहा है. कोरोना महामारी का असर हालांकि अब तक दीपावली पर नजर आ रहा था, परंतु अब जैसे ही लक्ष्मीपूजन का दिन नजदीक आ गया, वैसे ही लोग खरीदारी करने बाजार में जुट गए है. दिवाली के मद्देनजर बाजार गुलजार हो चुके हैं. अस्थायी दूकानों पर भी ग्राहकों की भीड़ जबरदस्त है. मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन दीपावली पर होता है. लक्ष्मी-गणेश की आकर्षक छोटी-बड़ी मूर्तियां बाजार में मौजूद हैं.
LED में ओम-गणपति और स्वस्तिक
मुख्य आकर्षण एलइडी की रोशनी से जगमगाते ओम-गणपति और स्वास्तिक हैं. टेराकोटा के डिजाइनर दीपक जो गणेश जी, स्वस्तिक और शुभ चिन्हों से सजे हैं, काफी डिमांड में हैं. इनकी कीमत 100 से 1000 रुपये तक की है. हैंगिंग दीपक की काफी डिमांड में हैं. दिवाली पर कैंडल्स की अधिक मांग है. इसके लिए मार्केट में तरह-तरह के कैंडल होल्डर भी बिक रहे हैं. एलइडी ओम-गणपति, गेंद के आकार के गोले में जगमगाते सितारे, जुगनू की तरह चमकती झालरें, रंग-बिरंगी छड़ी, रंगीन रोशनी से लुभाते शुभ-लाभ लिखे स्वस्तिक, एलइडी दीपक से बाजार की रौनक है.
मिठाइयों का बदला स्वाद
दीपावली पर्व पर मिठाइयों का खास महत्व है. दीवाली महोत्सव के समय बाजार में मिठाइयों का स्वाद भी बदल जाता है. केसर का पेठा, मलाई बर्फी, काजू कतली, मोतीचूर के लड्डू, कलाकंद बर्फी की मांग अधिक है, जिनकी कीमत 400 से 800 रुपये तक निर्धारित है.
नई डिजाइनों में इलेक्ट्रानिक सामान
मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए दीपावली पर्व इलेक्ट्रानिक सामानों की खरीदारी विशेष रहती है. बोनस का उपयोग लोग खरीदारी में करते हैं. बाजार में फ्रिज, एलइडी, एसी, माइक्रोवेव समेत अन्य इलेक्ट्रानिक सामान आकर्षक डिजाइनों में नए लुक के साथ मौजूद है.दीपावली पर बाजार में फूलों की मांग तेज हो गई है. गेंदा, गुलझड़ी और रजनीगंधा के फूलों की मांग सबसे ज्यादा है, जिससे फूलों की दर में वृध्दि हो गई है.