Water, Summer

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    गोरेगांव. शहर में इन दिनों तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है. ऐसे में नागरिकों के गले सूखने लगे हैं. प्यास बुझाने के लिए नागरिक बोतल लिए पानी के लिए भटक रहे हैं. कुछ जगहों पर लगी आरो मशीनों की दुरुस्ती नहीं हो पाई है. साथ ही शहर में किसी भी चौराहे या कोई सार्वजनिक जगहों पर प्याऊ की कोई भी व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. मुसाफिरों को प्यास बुझाने के लिए होटलों का सहारा लेना पड़ रहा है. पिछले एक वर्ष से शहर में नगर पंचायत द्वारा लगाए गए सभी आरो मशीनें खराब हो गई हैं. उनकी दुरुस्त के लिए नगर पंचायत के पास निधि नहीं है. ग्रीष्मकाल की शुरुआत हो गई है.

    गर्मी ने जोरदार दस्तक दी है. धूप में गला सूख रहा है. एक सप्ताह से ही तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. तापमान 42 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. ऐसे में पेयजल की नि:शुल्क व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने से यात्री परेशान हैं. पानी की बोतल तो लेते हैं, लेकिन जल्दी खाली होने पर नि:शुल्क पानी की तलाश करते नजर आ रहे हैं.

    चौक, चौहारों पर नहीं है पेयजल की सुविधा

    दूसरे शहरों व गांव से आने वाले यात्री व नागरिकों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. यह नजारा शहर के नया बस स्टॉप से लेकर दुर्गा चौक, पुराना बस स्टॉप चौक, ठाना चौक तक देखा जा सकता है. शहर के चौक व चौराहों पर नि:शुल्क पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है. प्याऊ की ओर किसी का ध्यान नहीं है. इस समस्या को दूर करने कोई भी राजनीतिक दल या संस्था सामने नहीं आई है. सामाजिक दायित्व के लिए कोई भी अभी तक आगे नहीं आया है. शहर में कहीं भी चार मटके नजर नहीं आ रहे हैं. किसी भी चौक पर एक छोटा सा प्याऊ शुरू नहीं है. 

    चाय दूकान ही सहारा

    शहर में स्थित होटलें, पान टपरी तथा चाय दूकानें ही बाहर से आने वाले यात्री तथा नागरिकों के लिए एक सहारा बनी हुई हैं. यहां आकर नागरिक अपनी पानी की प्यास बुझा रहे हैं. बढ़ती गर्मी को देखते हुए शहर में प्याऊ की व्यवस्था बेहद जरूरी हो गई है. नगर पंचायत प्रशासन सामाजिक दायित्व को भूल गई है. इससे अधिकारियों व पदाधिकारियों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में  विधायक विजय रहांगडाले व सांसद सुनील मेंढे इस समस्या पर ध्यान दें, ऐसी मांग शहर के नागरिकों द्वारा की जा रही है.