नयी दिल्ली. देश (India) में फिलहाल कोरोना (Corona) कि दूसरी लहर के चलते और बढ़ते मामलों की वजह से कुछ दिन पहले ही CBSEने 10वीं क्लास (CBSE 10th Board Exam) के एग्जाम रद्द करने का एक अहम् फैसला किया है। लेकिन इस फैसले के बाद अब कई पेरेंट्स बोर्ड से परीक्षा फीस (Board Exam Fees) वापस करने की लगातार मांग कर रहे हैं।
21.5 लाख छात्र देनेवाले थे एग्जाम:
गौरतलब है कि इस साल करीब 21.5 लाख छात्रों ने 10वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम हेतु रजिस्ट्रेशन कराया था। वहीं बोर्ड ने भी सब्जेक्ट्स और प्रैक्टिकल पेपर की संख्या के आधार पर एक बच्चे से बतौर 1500 रुपये से लेकर 1800 रुपये तक कि फीस ली थी। बता दें कि यह परीक्षाएं इस साल 4 मई से 16 जून के बीच आयोजित होनी थीं।
पेपर नहीं लिए तो वापस करें 1800 रुपये:
दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब दिल्ली में ऐसे अनेक पेरेंट्स और गार्जियन बोर्ड से पैसे वापस करने की मांग कर रहे हैं। खासकर वे लोग जो आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं। ऐसा ही एक मामला है दिल्ली के मदनपुर खादर में स्लम में रहने वाली 65 साल की शांति (बदला हुआ नाम ) का, जो कपड़े सिल कर अपने चार पोते-पोतियों को पढ़ाती हैं। बीते साल फरवरी में उनकी सबसे बड़ी पोती कीर्ति ने 1800 रुपये बोर्ड फीस जमा कराई थी। अब चूंकि बोर्ड परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं ऐसे में गरेब शांति चाहती हैं कि बोर्ड फीस की एवज में लिए गए उसके पैसे वापस कर दिये जाएँ ।
जब पेपर ही नहीं हुआ तो रिफंड करना चाहिए:
इस मुद्दे पर दिल्ली यूनिवर्सिटी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के मेंबर और ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक अग्रवाल का कहना है कि जब बोर्ड ने एग्जाम सेंटर पर खर्च नहीं किया , इन्विजिलेटर्स और एग्जामिनर्स को कोई पैसे नहीं दिए तो उन्हें जरुर से यह एग्जाम फीस को वापिस करना चाहिए। बोर्ड फीस में परीक्षा आयोजित कराने से संबंधित सभी तरह के मद के खर्च शामिल होते हैं। चूंकि अब CBSE बोर्ड ने इस तरह का कोई खर्च ही नहीं किया तो उसे निश्चित रूप से यह फीस रिफंड करनी चाहिए।
CBSE नहीं दे रही जवाब, छात्र भी दुविधा में :
इस पर CBSE ने कहा कि वह बिना बोर्ड परीक्षा के स्टूडेंट्स को ग्रेड अलॉट करने के तरीके पर काम कर रहा है। लेकिन अब इसके चलते अनेक स्टूडेंट्स इस बात को लेकर भरी दुविधा में है किउन्हें किस आधार पर कक्षा 11 में स्ट्रीम दिया जायेगा । वहीं फीस रिफंड को लेकर फिलहाल बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी की तरफ से कोई भी जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं आया है।