नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी की स्थिति को लेकर मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य मंत्रालय के वोएसडी राजेश भूषण ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘देश में आए कोरोना वायरस के कुल मामलों का 86 प्रतिशत 10 राज्यों तक ही सीमित है. इनमें से दो मामलों में 50% मामले महाराष्ट्र और तमिलनाडु के हैं और आठ अन्य राज्यों में 36% मामले हैं.’
86% of the total cases are confined to 10 states. Two of these have 50% of these cases – Maharashtra and Tamil Nadu – and eight other states have 36% cases: Rajesh Bhushan, OSD, Ministry of Health. #COVID19 pic.twitter.com/gsKALU15SB
— ANI (@ANI) July 14, 2020
20 राज्यों में सबसे ज्यादा रिकवरी दर
स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी ने आगे कहा, ‘ देश के ऐसे 20 राज्य हैं जिनकी रिकवरी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है. भारत का राष्ट्रीय औसत 63% है. इन राज्यों में से उत्तर प्रदेश में 64%, ओडिशा में 67%, असम में 65%, गुजरात में 70%, तमिलनाडु में 65% की वसूली दर सबसे ज्यादा है’.
Of these states Uttar Pradesh has a recovery rate of 64%, Odisha 67%, Assam 65%, Gujarat 70%, Tamil Nadu has a recovery rate of 65%: Rajesh Bhushan, OSD, Ministry of Health. #COVID19 https://t.co/rpsbpX2MnK
— ANI (@ANI) July 14, 2020
उन्होंने कहा, ‘ मई में, रिकवरी दर लगभग 26 प्रतिशत थी जो मई अंत तक बढ़कर 48 प्रतिशत हो गई और देश में 12 जुलाई तक बढ़कर 63 प्रतिशत हो गई.’
एक्टिव केस से ज्यादा, ठीक होने वालो की संख्या
राजेश भूषण ने कहा, ‘2 मई से 30 मई के बीच, ठीक होने के मामलों की तुलना में सक्रिय COVID-19 मामलों की संख्या अधिक थी. उसके बाद, सक्रिय और ठीक होने के मामलों की संख्या के बीच अंतर बढ़ रहा है. आज, बरामद मामलों की संख्या सक्रिय मामलों की तुलना में 1.8 गुना अधिक है.’
B/w May 2 to May 30, number of active COVID-19 cases was more than recovered cases. After that, the difference between number of active & recovered cases is rising. Today, number of recovered cases is 1.8 times higher than the active cases: Rajesh Bhushan, OSD, Ministry of Health pic.twitter.com/LymQiW4CTo
— ANI (@ANI) July 14, 2020
दो भारतीय टिको पर काम शुरू
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, ‘ 2 भारतीय स्वदेशी कंपनियां टीके बनाने में हैं. वे चूहों, चूहों और खरगोशों में सफल विषाक्तता अध्ययन से गुजर चुके हैं. डीसीजीआई को डेटा प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद इन दोनों को इस महीने की शुरुआत में प्रारंभिक चरण के मानव परीक्षण शुरू करने की मंजूरी मिल गई.’
उन्होंने कहा, ‘ इन उम्मीदवारों ने अपनी साइटों को तैयार कर लिया है और वे लगभग 1000 मानव स्वयंसेवकों पर विभिन्न स्थानों पर अपना नैदानिक अध्ययन कर रहे हैं.’
These candidate have got their sites ready and they are doing their clinical study on approximately a 1000 human volunteers each at different sites: Balram Bhargava, DG-ICMR. #COVID19 https://t.co/BdSBiolV5V
— ANI (@ANI) July 14, 2020
डब्ल्यूएचओ के निर्देशों का पालन
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘ डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यदि आप प्रति दिन 140 लोगों का परीक्षण प्रति 10 लाख पर कर रहे हैं, तो यह व्यापक परीक्षण का संकेत होगा. 22 राज्य हैं जो प्रति दिन प्रति मिलियन 140 या उससे अधिक परीक्षणों का परीक्षण करते हैं. हम राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को WHO के मानदंडों को पूरा करने के लिए परीक्षण बढ़ाने की सलाह देते हैं.’
WHO says if you’re testing 140 people per day, per 10 lakhs, that would be indicative of comprehensive testing. There’re 22 states who test 140 or over tests per day, per million. We advise the states/UTs to increase testing to meet WHO criteria:Rajesh Bhushan, Ministry of Health pic.twitter.com/vZboiOPXlO
— ANI (@ANI) July 14, 2020
रूस ने टिके का सफल परीक्षण किया
बलराम भार्गव ने कहा, ‘रूस ने एक टीका लगाया है जो अपने शुरुआती चरणों में सफल रहा है. उन्होंने इसके विकास को तेज किया है. चीन ने अपने टीके कार्यक्रम को तेज कर दिया है और चीन में उस टीके के साथ अपनी पढ़ाई भी तेज कर दी है.’
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका, जैसा कि आज पढ़ा गया है, ने अपने दो वैक्सीन उम्मीदवारों को उपवास कर दिया है. यूके यह भी देख रहा है कि यह ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के उम्मीदवार को कैसे फास्ट कर सकता है, कैसे इसे मानव उपयोग के लिए फास्टट्रैक कर सकता है.’
कोरोना एक छोटी बूंद संक्रमण
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक ने कहा, ‘कोरोना वायरस एक छोटी बूंद संक्रमण है. कई वैज्ञानिकों द्वारा परिकल्पना और सुझाव दिए गए हैं कि माइक्रोड्रोप्लेट्स (आकार में 5 माइक्रोन से कम) के साथ कुछ हवाई प्रसारण हो सकते हैं. भौतिक अवशेषों और मास्क का उपयोग महत्वपूर्ण है.’
COVID-19 is a droplet infection. There has been hypothesis & suggestions by several scientists that there may be some airborne transmission with microdroplets (less than 5 microns in size). What remains important is physical distancing & use of masks: ICMR DG Balram Bhargava pic.twitter.com/rMyLFlbWmE
— ANI (@ANI) July 14, 2020