नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) और तीव्र हो गया है. किसानों ने सरकार (Government) को धमकी दी है, अगर कानून वापसी नहीं लिया तो रेल की पटरियों पर कब्ज़ा कर रेल यातायात बंद कर देंगे। गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में किसान नेता बूटा सिंह (Farmer leader Boota Singh) ने कहा, “हमने 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है कि अगर पीएम हमारी बात नहीं मानते हैं और कानून को रद्द नहीं करते हैं तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे।”
किसान नेता ने कहा, “आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के सभी लोग पटरियों पर उतरेंगे। संयुक्ता किसान मंच एक तारीख तय करेगा और घोषणा करेगा।”
We’d given an ultimatum till Dec 10 that if PM doesn’t listen to us & doesn’t repeal laws, we’ll block railway tracks. It was decided in today’s meeting that all the people of India will take to the tracks. Sanyukt Kisan Manch will fix a date & announce: Farmer leader Boota Singh pic.twitter.com/xvuf9KEfjz
— ANI (@ANI) December 10, 2020
पंजाब के सभी DC ऑफिसों के बाहर धरना
बूटा सिंह ने कहा, “पंजाब में टोल प्लाजा, मॉल, रिलायंस के पंप, भाजपा नेताओं के दफ्तर और घरों के आगे धरना अभी भी जारी है। इसके अलावा 14 तारीख को पंजाब के सभी DC ऑफिसों के बाहर धरने दिए जाएंगे।”
शर्त के साथ बातचीत की निंदा
किसान नेता ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री जी कहते है कि बातचीत जारी रहनी चाहिए और हमारा भी यही मानना है। वहीं दूसरी ओर कृषि मंत्री कहते हैं कि अगर किसान उनके संशोधनों को मानेंगे तो ही बातचीत जारी रहेगी, नहीं तो नहीं होगी। फिर से हमारे ऊपर शर्त लगा दी जाती है जिसकी हम निंदा करते हैं।”
सरकार एकजुट होकर करे बात
सिंह ने कहा, “भाजपा नेताओं और हमारे मंत्रियों को कहना चाहूंगा कि एकजुट हो जाइए। प्रधानमंत्री कुछ और, गृहमंत्री कुछ और व कृषि मंत्री कुछ और बोल रहे हैं। विनती है कि हम एकजुट हैं और हमारी चुनी हुई सरकार को भी एकजुट होकर किसानों के पक्ष में फैसला लेना चाहिए।”
केंद्र ने माना कानून व्यापारियों के लिए
भारतीय किसान यूनियन के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, “केंद्र सरकार ने माना है कि कानून व्यापारियों के लिए बनाए गए हैं। अगर कृषि राज्य का विषय है, तो उन्हें इस बारे में कानून बनाने का अधिकार नहीं है।”