नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) के तीन विवादस्पद के कृषि कानूनों (Agriculture Law) के खिलाफ देश के किसान (Farmers) दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर लगातार 10वें दिन भी जमे हुए हैं। गौरतलब है कि आज किसानों और मोदी सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत होनी है। इसीके साथ खबर यह भी है कि, विभिन्न किसान संगठनों ने PM मोदी का पुतला फूंकने की घोषणा की है। वहीं आने वाली 8 दिसंबर को भारत बंद का भी आह्वान इन संगठनों ने किया है।
Delhi: Farmers continue to hold a sit-in protest at Chilla border (Delhi-Noida Link Road) against the Centre’s #FarmLaws.
A farmer says, “If anything concrete doesn’t happen in today’s meeting with the Central government then we will gherao the Parliament.” pic.twitter.com/4mPOeAm9Xm
— ANI (@ANI) December 5, 2020
किसान बोले: फूंकेंगे PM मोदी का पुतला:
दरअसल किसानों ने चेतावनी दी थी कि, अब बिल में सुधार नहीं बल्कि बिल को निरस्त किया जाना चाहिए। नहीं तो हर राज्य में बड़ी तादाद में किसान आंदोलन किये जायेंगेऔर PM मोदी का पुतला भी फूंका जायेगा। दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने बीते बृहस्पतिवार को दूसरी बार किसानों के साथ बातचीत की थी, जिसका भी कोई ठोंस नतीजा नहीं निकला।
Farmers continue to camp at Delhi-Haryana border in Tikri in protest against the new farm laws.
Fifth round of talks between the Centre and farmers will be held today. pic.twitter.com/c83paBX333
— ANI (@ANI) December 5, 2020
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा:
किसान चिल्ला बॉर्डर (दिल्ली-नोएडा लिंक रोड) पर प्रदर्शन कर रहे हैं। एक किसान ने कहा कि अगर सरकार के साथ बातचीत में आज कोई नतीजा नहीं निकला तो फिर संसद का घेराव करेंगे। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान पिछले नौ दिनों से डटे हुए हैं और उनके प्रदर्शन का 10वां दिन है। इधर हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात की और विरोध करने पर किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने की मांग की। गौरतलब है कि हरियाणा में आंदोलित किसानों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। JJP नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा कि गृह मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को देखेंगे और राज्य के मुख्यमंत्री के साथ इस मुद्दे पर चर्चा भी करेंगे।
Delhi: Fifth round of talks between the central government and farmers to be held today; visuals of protesting farmers stationed at Singhu border (Delhi-Haryana border). pic.twitter.com/2RZQbYn01L
— ANI (@ANI) December 5, 2020
Haryana: A delegation of Jannayak Janta Party (JJP) leaders met Home Minister Anil Vij seeking withdrawal of cases against farmers during protest.
Digvijay Chautala said, “Home Minister has assured us that he will look into the matter & discuss the issue with Chief Minister” pic.twitter.com/47g9HkLnon
— ANI (@ANI) December 5, 2020
क्या है किसानों की मांग:
दरअसल किसान कृषि कानून वापस लेने की अपनी बड़ी मांग पर अड़े हुए हैं, वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर भी ठोस भरोसा चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार कानूनों को वापस लेने की बात तो नहीं मान रही है लेकिन फिर भी किसानों की कुछ ऐसी मांग हैं जिनपर सरकार राजी होती दिख रही है।
Protesting farmers stay put at Noida border with Delhi near Mayur Vihar
The fifth round of talks between the central government and farmers is scheduled to be held tomorrow. pic.twitter.com/GVMOIj3Wnu
— ANI (@ANI) December 4, 2020
गौरतलब है कि इसके पहले बैठक में किसानों ने सरकार के भोजन से भी इनकार कर दिया था। उन्होंने अपने लाये लंगर के खाने को ही पसंद किया। इससे साफ़ होता है कि, सरकार और आंदोलनकारी किसानों के मध्य कितनी विश्वास में कमी है। वहीं दूसरी ओर प्रकाश सिंह बादल ने इस प्रकरण के चलते अपना पद्म विभूषण पुरस्कार लौटाया है। इसके साथ कई अन्य खिलाड़ी भी आज अपने पुरस्कार लौटाने वाले है। साथ ही, किसानों के लिए ट्रांसपोर्टर, वकील संघ भी अब आगे आ रहे हैं। अब आज फिरदोपहर 2 बजे किसानों और सरकार के बीच बैठक होगी। जिसके बाद देखना यह है कि देश के अन्नदाता पीछे हटेंगे या मोदी सरकार। जो भी हो फिलहाल किसान आन्दोलन अपने चरम पर है।