नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) द्वारा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) से रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अदालत के इस आदेश के बाद केंद्र सरकार (Central Government) विपक्षी दलों पर हमलावर हो गई है। सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री (Union Minister for Housing & Urban Affairs) हरदीप सिंह पूरी (Hardeep Singh Puri) ने प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिका लगाने वालों और विपक्षी दलों को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा, “विपक्ष प्रोजेक्ट के खिलाफ गलत जानकारी फैलाकर जनता कोभ्रम में डालने की कोशिश कर रहा है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कहा जा रहा है 20,000 करोड़ रुपये मरामारी के दौरान खर्च कर रहे हैं ये वैक्सीनेशन कार्यक्रम में लगाईये। केंद्र ने वैक्सीनेशन के लिए 35,000 करोड़ आवंटित किया है। वैक्सीनेशन के लिए पैसे की कमी नहीं है, पर्याप्त पैसा है। वैक्सीन की उपलब्धता दूसरी बात है।”
लोगों के जो मन में आ रहा वो बोल रहा
प्रोजेक्ट के खर्च की राशि को लेकर की जा रहे दावों पर हरदीप सिंह पूरी ने कहा, “पहली बात तो 20,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा कहां से आया? जिसके मन में जो आता है बोलता है। 51 मंत्रालयों के लिए ऑफिस, मेट्रो के साथ जोड़ना, नया संसद भवन, 9 ऑफिस के भवन, न्यू इंदिरा गांधी सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स सब मिलाकर खर्चा शायद 13,000-15,000 करोड़ आएगा।”
किया जारहा झूठा प्रचार
पूरी ने कहा, “वर्तमान में, दो नई परियोजनाएं चल रही हैं-नई संसद भवन और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू। महामारी से पहले इन परियोजनाओं पर निर्णय लिया गया था। परियोजना की कुल लागत लगभग 1300 करोड़ रुपये है।” उन्होंने कहा, “सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के बारे में झूठा प्रचार किया जा रहा है। किसी भी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक इमारत को नहीं छुआ जाएगा।”
Currently, two new projects are underway -the New Parliament Building and Central Vista Avenue. A decision on these projects was taken before the pandemic. The total cost of the project is around Rs 1300 crores: Union Minister for Housing & Urban Affairs, Hardeep Singh Puri pic.twitter.com/FbMuKS1Agp
— ANI (@ANI) May 31, 2021
ज्ञात हो कि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि, यह एक ‘‘अहम एवं आवश्यक” राष्ट्रीय परियोजना है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ताओं पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि यह एक प्रेरित याचिका है। यह एक जनहित याचिका नहीं थी।