नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को कहा कि आतंकवाद, साइबर अपराध और सीमा सुरक्षा से जुड़ी नई चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस (Police) और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैयार किया जा रहा है और इसके मद्देनजर एक व्यापक आधुनिकीकरण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। ‘पुलिस स्मृति दिवस’ (PoliceCommemorationDay) पर यहां चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुलिस और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए शाह ने इसकी जानकारी दी।
#WATCH Delhi: Union Home Minister Amit Shah pays tribute to the police personnel who lost their lives in the line of duty, at National Police Memorial on #PoliceCommemorationDay2020 today. pic.twitter.com/Cd8Na04oNg
— ANI (@ANI) October 21, 2020
लद्दाख के दुर्गम दर्रों में 1959 में बड़ी संख्या में भारी हथियारों के साथ आए चीनी सैनिकों ने घात लगाकर भारतीय गश्ती दल पर हमला कर दिया था जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ के) के 10 जवान शहीद हो गए थे। उनकी याद में यह दिवस मनाया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच वर्तमान में भी लद्दाख क्षेत्र में सैन्य गतिरोध जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस का काम नई चुनौतियों और उसके आयामों से बढ़ता जा रहा है। चाहे वह आतंकवाद हो, जाली नोट हो या मादक पदार्थ नियंत्रण या फिर साइबर अपराध और मानव व शस्त्रों की तस्करी। पुलिस के समक्ष पिछले दो-तीन दशकों में ये बहुत सारे आयाम आए हैं। हमारे सामने चुनौती है कि इसके लिए अपने बलों को तैयार करें।”
During our battle against #COVID19, 343 police personnel lost their lives while serving the nation as #CoronaWarriors: Union Home Minister Amit Shah while addressing the #PoliceCommemorationDay Parade at National Police Memorial, Delhi. https://t.co/4uaEMTVfyO pic.twitter.com/USb3azjFtl
— ANI (@ANI) October 21, 2020
उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने पुलिस के लिए एक व्यापक आधुनिकीकरण कार्यक्रम तैयार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आशा है कि आने वाले दिनों में (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी सरकार उन्हें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगी।” शाह ने कहा कि देश के जवान मुस्तैदी से सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं लेकिन इसे अभेद बनाने के लिए सरकार अब इसे प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘मानव बल के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़कर सीमाओं को अभेद बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि तत्परता और तकनीक साथ-साथ होंगे तो सीमाओं की बेहतर सुरक्षा की जा सकेगी।
शाह ने कहा कि कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अब तक 35,398 पुलिस और केंद्रीय बलों के कर्मियों ने शहादत दी है और इनमें 264 ऐसे हैं जिन्होंने पिछले साल अपने प्राणों की आहूति दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पुलिस बल के 343 जवानों ने अब तक अपनी जान गंवाई हैं और जब भी कोरोना का इतिहास लिखा जाएगा उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बल के जवानों और उनके परिवारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस अवसर पर अपने प्राणों की आहूति देने वाले पुलिस बल के सभी जवानों को श्रद्धंजलि अर्पित की और लॉकडाउन के दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों की भी जमकर सराहना की। शाह ने कहा, ‘‘जब कोरोना संकट आया तो पूरी दुनिया अचंभित थी।
चिकित्सा जगत से जुड़े लोग हों या वैज्ञानिक, किसी को पता नहीं था कैसे इससे लड़ा जाए। देश में लॉकडाउन किया गया। चाहे उसके अमलीकरण की बात हो या प्रवासियों की सहायता करने की बात या फिर लोगों की जरूरतों को पूरा करना, पुलिस के जवानों ने पहली पंक्ति में रहकर कोरोना के खिालाफ लड़ाई लड़ी।” उन्होंने कहा कि इस दौरान पुलिस बल के 343 जवानों ने अपनी जान गंवाई। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी कोरोना का इतिहास लिखा जाएगा, इन वीर जवानों का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।” केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक राकेश अस्थाना सहित अन्य केंद्रीय बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
शाह ने कहा कि देश में अगर शांति है तो इसमें पुलिस बल के जवानों का योगदान सबसे बड़ा है क्योंकि होली हो या दिवाली, वे चौबिसों घंटे देश की सुरक्षा को लेकर जागरूक रहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम है कि प्रति 10 लाख की आबादी पर जितने जवान होने चाहिए वह नहीं है लेकिन केंद्र सरकार इसके लिए ‘‘ढेर सारी चीजें” कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप देश की सुरक्षा करते रहिए और कानून व व्यवस्था कायम रखिए, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि आपके और आपके परिवारों की रक्षा के लिए मोदी सरकार कटिबद्ध है।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुलिस स्मारक सिर्फ ईंट, पत्थर और सीमेंट से बना स्मारक नहीं है, यह हमेशा याद दिलाता रहेगा कि उनके खून का एक एक कतरा देश को विकास के पथ पर ले गया है। उन्होंने कहा, ‘‘देश अगर आज चैन की नींद सो रहा है तो ये आपके परिजनों का सर्वोच्च बलिदान है।”