नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा लोकसभा में पेश किए गए दो कृषि विधेयक (Agriculture Bill) के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने केंद्रीय मंत्रिमंडल (Central Cabinet) से इस्तीफा दे दिया है. जिसकी जानकरी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी. उन्होंने लिखा, “मैंने किसान विरोधी अध्यादेश और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व.”
I have resigned from Union Cabinet in protest against anti-farmer ordinances and legislation. Proud to stand with farmers as their daughter & sister.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 17, 2020
दरअसल, गुरुवार को केंद्र सरकार ने लोकसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 ((Agricultural Produce Trade and Agriculture (Promotion and Facilitation) Bill-2020) और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) (Farmers (Empowerment and Protection) पेश किया है. जिसको लेकर पिछले कई दिनों से पंजाब और हरियाणा के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. चर्चा के दौरान शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के अध्यक्ष सुखबीर बादल (Sukhbir Singh Badal) ने इसे किसान विरोधी बताते हुए बिल का ज़ोरदार विरोध किया. चर्चा के दौरान ही उन्होंने हरसिमरत कौर का मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था.
संसद से बाहर निकली हरसिमरत बादल ने कहा, “हजारों किसान सड़कों पर हैं. मैं सरकार का हिस्सा नहीं बनना चाहती थी कि किसानों की आशंकाओं को दूर किए बगैर सदन में बिल पास हो जाए, इसीलिए मैंने इस्तीफा दे दिया.”
Thousands of farmers are on the streets. I did not want to be part of the government that got the bills passed in the House without addressing the apprehensions of farmers, that is why I resigned: Shiromani Akali Dal leader Harsimrat Kaur Badal #AgricultureBill pic.twitter.com/4aBoRdSi5G
— ANI (@ANI) September 17, 2020
किसान और अकाली दल पर्यायवाची
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को भेजे अपने इस्तीफे में हरसिमरत कौर ने कहा, “किसान और अकाली दल पर्यायवाची हैं क्योंकि पार्टी सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव के समतावादी दृष्टिकोण से प्रेरित है, जिन्होंने करतारपुर साहिब में अपने खेतों में एक विनम्र किसान के रूप में काम करते हुए लगभग 20 साल बिताए थे. यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि किसानों के लिए अकाली क्या है.”
किसानों के लिए कुछ भी
शिअद के अध्यक्ष और सांसद सुखबीर सिंह बादल ने संसद से बाहर निकलते हुए कहा, “हम किसानों के साथ खड़े हैं और उनके लिए कुछ भी करेंगे. हमारी पार्टी द्वारा अगली कार्यवाही की जाएगी जिसके लिए शीघ्र ही एक बैठक होगी.”
सरकार विधेयक वापस लेकर सहयोगियों से करे चर्चा
इसके पहले भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार को सलाह देते हुए कहा, “लोकसभा में बहुमत के बावजूद सरकार एनडीए नामक गठबंधन कैसे बना सकती है, लेकिन किसानों से संबंधित विषय पर संसद में विधेयक पेश करने से पहले अपने सहयोगियों से परामर्श नहीं करती है? बिल को वापस ले लें और फिर एक सर्वसम्मति बिल के लिए सहयोगियों के साथ बातचीत करें.”
How can a Government despite being in majority in Lok Sabha yet forms a coalition called NDA, but does not consult its allies before introducing a Bill in Parliament on a subject concerning farmers? Withdraw the Bill and then negotiate with allies for a consensus Bill.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 17, 2020
क्या है विधेयक जिसके कारण दिया इस्तीफा
पास हुए नए विधेयक के नियामानुसार, किसान अब सरकारी मंडी के साथ साथ बाहर भी अपनी फ़सल बेच सकते हैं. जिससे किसानों को फसल का सही दाम मिल सकेगा. इसी के साथ केंद्र सरकार ने दाल, आलू, प्याज, अनाज, इडेबल ऑयल आदि को आवश्यक वस्तु के नियम से बाहर कर इसकी स्टॉक सीमा खत्म कर दी है. इन दोनों के अलावा केंद्र सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को बढ़ावा देने की भी नीति पर काम शुरू किया है, जिससे किसान नाराज हैं.