Army Chief Narwane meets Nepali counterpart, discusses increasing cooperation between armies

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नई दिल्ली. सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे (Army Chief General MM Narwane) ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन (Pakistan and China) मिलकर देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं और भारत के प्रति उनके कपटपूर्ण बर्ताव को अनदेखा नहीं किया जा सकता। जनरल नरवणे ने सेना दिवस से पहले यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पूर्वी लद्दाख के हालात पर विस्तार से बात की और कहा कि भारतीय सैनिक किसी भी स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए बहुत उच्च स्तर की लड़ाकू तैयारी रख रहे हैं।

सेना प्रमुख (Army Chief General MM Narwane) ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और चीन परस्पर और समान सुरक्षा के आधार पर सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के लिए एक समझौते पर पहुंच पाएंगे। उन्होंने वस्तुत: भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थिति कुछ रणनीतिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर कब्जा किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि सेना देश के हितों और लक्ष्यों के अनुरूप पूर्वी लद्दाख में अपनी स्थिति कायम रखेगी। समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर जनरल नरवणे (General Narwane) ने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों की भारत के प्रति कपटपूर्ण सोच जमीनी स्तर पर नजर आ रही है।

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘पाकिस्तान और चीन (Pakistan and China) मिलकर गंभीर खतरा बने हुए हैं और उनकी कपटपूर्ण सोच से होने वाले खतरे को अनदेखा नहीं किया जा सकता।” उन्होंने कहा कि भारत को ‘दो मोर्चों’ पर खतरे के परिदृश्य से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य और असैन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है। जनरल नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल राजकीय नीति के औजार के रूप में करता आ रहा है और भारत इस समस्या का प्रभावी तरीके से मुकाबला करता रहेगा।

सेना प्रमुख (Army Chief) ने कहा कि हम सीमापार से हो रहे आतंकवाद का जवाब अपने पसंदीदा वक्त पर देने का अधिकार रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उच्च स्तर की सतर्कता बरती है। सेना प्रमुख ने कहा कि हम भू-राजनीतिक (Geopolitical Developments) घटनाक्रम और खतरों के आधार पर अपनी तैयारियों में बदलाव करते रहते हैं।(एजेंसी)