High level meeting of Rajnath, review of security situation in East Ladakh

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नई दिल्ली. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh ) ने आज स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2020) की पूर्व संध्या पर देश की सेना के नाम संदेश दिया है। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों को दिये संदेश में सिंह ने कहा कि भारत दिलों को जीतने में भरोसा करता है, जमीन जितने में नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम अपने स्वाभिमान की भावना को आहत होने देंगे।” रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भारत जो भी करता है, वह हमेशा आत्म-रक्षा के लिए करता है, ना कि अन्य देशों पर हमले के लिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर दुश्मन देश हम पर हमला करता है तो हम हर बार की तरह मुंहतोड़ जवाब देंगे।”  

सिंह ने कहा, ‘‘इतिहास इस बात का गवाह है कि भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया या कभी किसी अन्य देश की भूमि पर कब्ज़ा करने की कोशिश नहीं की।” रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों को यह भरोसा भी दिलाया कि सरकार वो सबकुछ कर रही है जो उसकी अभियान संबंधी ज़रूरतों को बनाये रखने के लिए आवश्यक है।   

राजनाथ सिंह के संदेश के महत्वपूर्ण मुद्दे 

  • भारतवर्ष 74 वाँ स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर सशस्त्र सेनाओं में कार्यरत सभी सैनिकों एवं सैन्य अधिकारियों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दी।
  • सभी सेवारत कार्मिकों के साथ-साथ थल सेना, नौसेना, वायु सेना एवं तटरक्षक बल के पूर्व सैनिकों के साथ उन परिवारजनों को भी बधाई दी जिनके प्रियजन उनसे बहुत दूर कठिन एवं दुर्गम क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि गहरे समुद्र में भी तैनात हैं।
  • गलवान में बलिदान देने वाले सैनिकों को विशेष रूप से स्मरण करते हुए राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, यह देश उनकी बहादुरी और उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी भुला नही सकता। उनके परिवारों को भरोसा देते हुए कहा कि वे लोग अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है।
  • हमारी सेनाएं राष्ट्र की रक्षा में अग्रणी हैं, अत: मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार आपका मनोबल ऊंचा बनाये रखने और आपकी Operational Requirement को पूरा करने के लिए वह सब कर रही है जो जरूरी है।
  • इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत ने दूसरे देश की जमीन पर कब्ज़ा करने के लिए आज तक कहीं भी और कभी भी हमला नहीं किया है। भारतवर्ष जमीन नहीं दिल जीतने में विश्वास रखता है। परंतु इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि हम अपने स्वाभिमान के ऊपर आंच आने देंगे।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमेशा आत्मरक्षा के लिए करते हैं, दूसरों पर हमला करने के लिए नहीं। दुश्मन देश ने कभी हमारे ऊपर आक्रमण किया, तो हर बार की तरह हम उसे मुंह तोड़ जवाब देंगे।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा के क्षेत्र में सुधार की मांग को स्वीकार करते हुए पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस को लालकिला की प्राचीर से CDS के गठन की ऐतिहासिक घोषणा की। CDS के गठन से सेनाओं के बीच और बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया गया है। इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।
  • आपको याद होगा लम्बे समय से भारतीय वायुसेना में नए आधुनिक लडाकू विमानों की कमी महसूस की जा रही थी। हमारी सरकार आते ही आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के साथ गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट अग्रीमेंट कर 36 राफेल यथाशीघ्र मंगाने का काम शुरू किया।
  • खुशी की बात यह है कि राफेल के खेप आने शुरू हो गए हैं। दो सप्ताह पहले पांच राफेल विमान अम्बाला एयर बेस पर पहुंचे। बाकी के भी शीघ्र ही आने वाले हैं। भारत में राफेल लड़ाकू विमान का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है।
  • सशस्त्र बलों ने हमेशा समय-समय पर देश में किसी भी तरह की आपदा के समय निर्णायक भूमिका निभायी है। वर्ष 2020 इतिहास के पन्नों में कोविड-19 वर्ष के रूप में जाना जायेगा। इस महामारी से पूरा विश्व जैसे थम सा गया है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा हैं।
  • रक्षा मंत्रालय एवं इसके विभिन्न अंगों अर्थात सशस्त्र बलों, AFMS, DRDO, DPSUs, OFB , छावनी परिषद, भूतपूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड, राष्ट्रीय कैडेट कोर तथा मंत्रालय की अन्य स्वायत्त इकाइयां कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रारम्भ से ही सक्रिय रही हैं।
  • पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में उनके जन्मदिन पर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रोहतांग सुरंग का नाम ‘अटल सुरंग’ कर दिया। इस 8.8 किलोमीटर लंबी सुरंग के सितंबर 2020 तक पूरी होने की संभावना है।
  • रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए औपचारिक सरकारी मंजूरी पत्र 23 जुलाई को जारी कर दिया है और इस प्रकार संगठन में बड़ी भूमिकाओं के निर्वहन के लिए महिला अधिकारियों को अधिकार संपन्न बनाने का रास्ता साफ़ हो गया है।
  • सरकार ने 10 वर्ष से कम राष्ट्र की अप्रतिम सेवा के दौरान विकलांग हो जाने वाले हमारे सशस्त्र बल कार्मिकों को भी अमान्य पेंशन देने का निर्णय लिया है। पहले यह पेंशन केवल 10 वर्ष या उससे अधिक सेवा करने वाले सशस्त्र बल कार्मिकों को ही दी जाती थी।
  • आज देश को भरोसा है कि आपके तैनात रहते कोई भी ताकत हमारी एक इंच भूमि पर कब्जा नही कर सकती। यदि किसी ने यह दुस्साहस किया तो उसे उसके भारी परिणाम भुगतने पड़े है और आगे भी भुगतने पड़ेंगे।