कोलकाता (पश्चिम बंगाल). देशभर (India) में रविवार रात और सोमवार तड़के उल्का पिंडों की बौछार (Meteor Shower) से आकाश (Sky) जगमगा उठेगा। एम पी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देवीप्रसाद दुआरी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि ‘जैमिनिड’ (Geminid) के नाम से जानी जाने वाली उल्का पिंडों की यह बौछार 13 दिसंबर की रात को चरम पर होगी।अगर आसमान में सब ठीक रहा तो यह भारत के हर हिस्से से देखा जा सकेगा।
क्या होता है ‘शूटिंग स्टार’:
यह वर्ष की सबसे बड़ी उल्का पिंड बौछार होगी। उन्होंने कहा कि यदि आसमान में परिस्थितियां अनुकूल रहती हैं, तो जेमिनिड उल्का पिंड बौछार को भारत के हर हिस्से से देखा जा सकेगा। उल्का पिंड चमकदार रोशनी की जगमगाती धारियां होती हैं, जिन्हें अक्सर रात में आसमान में देखा जा सकता है। इन्हें ‘शूटिंग स्टार’ भी कहा जाता है।
It’s the Geminid Meteor Shower – Best Meteor Shower of the year!
Weather is clear tonight for the majority of the UK and partly cloudy for most of us for the peak tomorrow night.
Read all about how to watch this cosmic spectacular here. https://t.co/VPF3Y9BSrO
(Please RT) pic.twitter.com/qoeqa4N1cQ
— VirtualAstro (@VirtualAstro) December 12, 2020
Courtsey: VirtualAstro
क्यों होती है उल्का पिंड बौछार:
उन्होंने बताया कि वास्तव में, जब धूल के कण जितनी छोटी एक चट्टानी वस्तु बेहद तेज गति से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है, तो घर्षण के कारण प्रकाश की खूबसूरत धारी बनती है। साल की एक निश्चित अवधि में आकाश की निश्चित दिशा से आते एक नहीं, बल्कि कई उल्का पिंड देखने को मिलते हैं, जिन्हें उल्का पिंड बौछार कहा जाता है। ये बौछार अकसर उस समय होती है, जब पृथ्वी विभिन्न उल्का तारों के सूरज के निकट जाने के बाद छोड़ी गई धूल के बचे मलबे से गुजरती है।
इनमें से जेमिनिड उल्का पिंछ बौछार सबसे शानदार उल्का पिंछ बौछारों में से एक होती है। हर बौछार हर साल दिसंबर के दूसरे सप्ताह के आस-पास दिखाई देती है। दुआरी ने बताया कि इस साल पूर्वानुमान है कि आसमान साफ होने के कारण प्रति घंटे 150 उल्का पिंछों की बौछार दिख सकती है।