earthquake

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    नयी दिल्ली. आज जहाँ अल-सुबह और देर रात को देश के 3 राज्यों में भूकंप (Earthquake) के जहतके महसूस किये गए। वहीं इसमें सबसे अधिक तीव्रता राजस्थान के बीकानेर महसूस किया गया। जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.3 मापी गई थी। इसके अलावा मेघालय और लद्दाख में स्थित लेह में भी भूकंप आया, जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता क्रमशः 4.1 और 3.6 रही।इस प्रकार देखा जाए तो अब देश  में अब हर दुसरे दिन लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। ऐसे में यह जानना लाजमी है कि भूकंप आता कैसे है और इससे बचाव के लिए आपको क्या करना है और क्या बिल्कुल भी नहीं।

    क्यों आता है भूकंप:

    हमारी धरती मुख्य तौर पर 4 परतों से निर्मित है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। पता हो कि इस क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर के नाम से भी जाना जाता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई रहती है। इसे दुसरे शब्दों में टैकटोनिक प्लेट्स भी कहा जाता है। यही ‘टैकटोनिक प्लेट्स’ अपनी जगह पर हिलती-डुलती रहती हैं। लेकिन जब ये प्लेट जरुरत से बहुत ज्यादा हिलने लगती है तो उसे हम भूकंप कहते हैं। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल-डुल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर होते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है। जिससे भूकंप बनता है और तरंगे आती हैं।

    इसी प्रकार भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (Epicenter) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। इन्ही तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में अनेकों दरारें तक पड़ जाती है। अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होगी जिससे भयानक तबाही होती है। लेकिन जो भूकंप धरती की भीतर बहुत गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता। वहीं अगर यही भूकंप समुद्र में आने पर उंची और तेज लहरें उठती है जिसे हम ‘सुनामी’ के नाम से जानते हैं। 

    वैसे भी भूकंप या कोई भी प्राकृतिक आपदा के बारे में पहले से किसी को कुछ पता नहीं होता। ऐसी प्राकृतिक आपदा के वक्त एकदम समझ नहीं आता कि हम क्या करें। ऐसे में अगर भूकंप के वक्त सामने हमें जो कुछ भी मिलता है उससे हम खुद को और अपने घनिष्ठों को बचाने की कोशिश में लग जाते हैं। ऐसे में जानमाल की हमें हानि ज्यादा होती है। लेकिन अब हम आपको बता रहे हैं वे आम तरीके जिससे आप किसी भूकंप के वक्त खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

    भूकंप आने पर आप क्या करें?

    • अगर भूकंप के वक्त आप घर के अन्दर हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। 
    • घर में नौजूद किसी भी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। 
    • भूकंप के झटके आने तक आप घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही अपने घर से बाहर निकलें। 
    • अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हुए हैं हैं तो लेटे रहें, तकिए से अपना सिर जरुर ढक लें। 
    • घर के सभी बिजली स्विच को तुरंत ऑफ कर दें। 
    • अगर आप किसी बिल्डिंग में मौजूद हैं तो तुरंत बाहर निकलकर खुले में आ जाएं। 
    • बिल्डिंग से नीचे आते वक़्त लिफ्ट का बिलकुल भी प्रयोग नहीं करना है। 
    • अगर बिल्डिंग से नीचे उतरना आन संभव नहीं हो तो, पास ही मौजूद की किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं।
    • भूकंप के दौरान अगर आप मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से पहले अपने मुंह को ढंके। 
    • मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल को आपके जीवित होने के सबूत मिलते रहे। 
    • अगर आपके पास कोई भी उपाय ना हो तो बस चिल्लाते रहें और हिम्मत बिल्कुल भी ना हारें।

    भूकंप आने पर आप क्या ना करें-

    • भूकंप के समय अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से बिल्कुल दूर रहें। 
    • अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो उसे रोक लें, लेकिन गाड़ी से बाहर ना निकलें। 
    • किसी पुल या फ्लाइओवर पर अपनी गाड़ी खड़ी ना करें। 
    • भूकंप के समय अगर आप अपने घर में हैं तो बाहर ना निकलें। 
    • अगर आप भूकंप के मलबे में दब जाएं तो माचिस तो बिल्कुल ना जलाएं। 
    • क्योंकि ऐसे में गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। 
    • भूकंप आने पर घर में हैं तो चहल-कदमी न करें । एक सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। 
    • घर के किसी भी कोने में चले जाएं। कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से थोड़ादूर रहें। 
    • भूकंप के वक्त कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें। 
    • भूकंप में अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और आस-पास की धूल ना उड़ाएं। 
    • भूकंप के दौरान आप पैनिक बिल्कुल भी न करें और किसी भी तरह की अफवाह भी न फैलाएं।

    भूकंप की स्थिति के लिए पहले से कैसे हो तैयारी ? 

    अगर आपका घर या निवासस्थान ‘बहुत अधिक जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र’ में स्थित है। तो आप अपने लिए ऐसी कुछ तैयारी रखें –

    • सबसे पहले आपको अपनी एक इमरजेंसी किट जरुर बनाकर रखनी चाहिए जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट-एड की जरुरी चीजें हो। 
    • घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में अपने जरूरी सामान को बचाने के कुछ उपाय करें। 
    • अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान जरुर तैयार रखें जिसमें हर व्यक्ति के कामकाज या जिम्मेदारी का भी जिक्र हो। अपने प्लान में घर के सदस्यों को शामिल करें।