Randhir Jaiswal
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नई दिल्ली. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने अमेरिका में दो हफ्तों में पांच भारतीय छात्रों की मौत पर गुरुवार को चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल (MEA Spokesperson Randhir Jaiswal) ने बताया कि भारत इन घटनाओं को लेकर अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क में है। उन्होंने बताया कि मरने वालों में दो भारतीय नागरिक हैं। जबकि, तीन भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक है।

रणधीर जयसवाल ने कहा, “मरने वालों में पांच भारतीय छात्र शामिल हैं। इनमें से 5 में से 2 भारत के नागरिक हैं और बाकी 3 भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। विवेक सैनी की हत्या के दोषी को गिरफ्तार कर लिया गया है, स्थानीय अधिकारी मामले की जांच कर आगे बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “दूसरे मामले में भी प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार कोई गड़बड़ी नहीं है, लेकिन हम मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। ये सभी मामले आपस में जुड़े हुए नहीं हैं। हम भारतीय नागरिकों के मामलों में स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय अमेरिका में मारे गए हैदराबाद के छात्र के परिवार के संपर्क में है और वाणिज्य दूतावास हर संभव तरीके से सहायता कर रहा है।

गौरतलब है कि हालही में एक 23 वर्षीय भारतीय छात्र, समीर कामथ, अमेरिका के वॉरेन काउंटी, इंडियाना में मृत पाया गया था। यह इस वर्ष भारतीय छात्रों की मौत की पांचवीं घटना है और पर्ड्यू विश्वविद्यालय की दूसरी घटना है।

इससे पहले लिंडर स्कूल ऑफ बिजनेस के छात्र श्रेयस रेड्डी ओहियो राज्य के सिनसिनाटी शहर में मृत पाए गए थे। हालांकि, उनकी मृत्यु का कारण अज्ञात है। विवेक सैनी और नील आचार्य की भी मौत की खबर के बाद एक सप्ताह के भीतर यह किसी भारतीय छात्र की तीसरी मौत है। नील आचार्य पर्ड्यू विश्वविद्यालय के छात्र थे और 30 जनवरी को परिसर में मृत पाए गए थे। जबकि, 29 जनवरी को जॉर्जिया के लिथोनिया में विवेक सैनी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। वहीं, इस साल की शुरुआत में 20 जनवरी को 18 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी छात्र अकुल धवन, इलिनोइस विश्वविद्यालय के पास मृत पाए गए थे।

उधर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद के एक छात्र सैयद मजहर अली के बारे में चिंता व्यक्त की, जिस पर अमेरिका के शिकागो में हमला हुआ था। रेड्डी ने अपने आधिकारिक पोस्ट में कहा, “मेरी सरकार संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों में रहने वाले सभी युवाओं, विशेषकर छात्रों के लिए एक समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी सभी ज़रूरतें पूरी हों।”