नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को बड़ी राहत दी है। एम्स ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर कहा है कि, अस्पताल अब मरीजों से लैब जांच कराने के लिए यूजर फीस नहीं लेगा। वर्तमान में, उपयोगकर्ता शुल्क या प्रयोगशाला शुल्क लगभग 300 है। एम्स के विभिन्न अस्पतालों और केंद्रों में इलाज करा रहे मरीजों के लिए यह फैसला बड़ी राहत है।
एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ डीके शर्मा द्वारा गुरुवार को जारी आदेश में कहा गया है कि अस्पताल अब मरीजों से लैब जांच कराने के लिए यूजर फीस नहीं लेगा। बता दें कि, अस्पताल में वर्तमान में उपयोगकर्ता शुल्क या प्रयोगशाला शुल्क लगभग 300 रुपये है।
Delhi | Abolition of user charges for all investigations and laboratory charges currently costing upto Rs 300 per procedure at all AIIMS centres, with immediate effect.
— ANI (@ANI) May 19, 2022
एम्स की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है, “अधोहस्ताक्षरी को यह सूचित करने का निर्देश दिया जाता है कि एम्स अस्पताल और सभी केंद्रों में वर्तमान में प्रति प्रक्रिया 300 तक की लागत वाली सभी जांचों / प्रयोगशाला शुल्कों के लिए राष्ट्रपति एम्स तत्काल प्रभाव से उपयोगकर्ता शुल्क को समाप्त करने को मंजूरी दे रहा है।”
एक अन्य आदेश के अनुसार, निजी वार्डों में ए-क्लास या डीलक्स कमरों के लिए शुल्क 3,000 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये कर दिया गया है, जबकि बी-क्लास या साधारण कमरों की दर 2,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दी गई है। आदेश के अनुसार आहार शुल्क 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिदिन किया गया है। वहीं, ए-क्लास रूम के मरीजों के लिए 10 दिन का एडवांस डिपॉजिट 63,000 रुपये और बी-क्लास रूम के लिए 33,000 रुपये होगा। संशोधित शुल्क 1 जून से लागू होंगे।