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    नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट (Rampurhat) में टीएमसी नेता की हत्या के बाद हुई हिंसा (Birbhum Violence) में 10 लोगों की मौत हो गई है। हत्यारों ने गांव के 10 घरों में आग लगा दी थी। इसमें एक ही परिवार के 8 लोग जिंदा जल गए। राज्य में हुई हुए इस नरसंहार को लेकर भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) आक्रामक हो गई है। बंगाल के भाजपा सांसदों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मिलकर इसकी शिकायत की है। वहीं गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस हिंसा को लेकर रिपोर्ट मांगी है। वहीं तृणमूल (Trinmool Congress) ने इस हिंसा के पीछे साजिश की आशंका जताई है।

    Birbhum Violence: ममता बनर्जी दें इस्तीफा

    बीरभूम में हुई हिंसा (Birbhum Violence) को लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष शुकांता मजूमदार की अगुवाई में पार्टी के सांसदों ने अमित शाह से मुलाकात की और राज्य में हो रही हिंसा की जानकारी दी। बैठक के बाद बाहर निकले मजूमदार ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमें आश्वासन दिया है कि वह 72 घंटों में बीरभूम की घटना की रिपोर्ट मांगेंगे, जिसके बाद एक टीम कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के लिए वहां जाएगी। ममता बनर्जी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, वह सीएम हैं। उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।”

    Birbhum Violence: हिंसा के पीछे सोची समझी साजिश

    भाजपा जहां इस हिंसा को लेकर ममता सरकार पर हमलावर हैं। वहीं टीएमसी प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने इसमें किसी साजिश की आशंका जताई है। घोष ने कहा, “गांव (रामपुरहाट) में राजनीतिक तनाव का इतिहास नहीं था। हमें संदेह है कि यह टीएमसी और बंगाल को परेशान करने की एक बड़ी साजिश है। जिन्हें लोगों ने नकारा है, वे डेड बॉडी पॉलिटिक्स कर रहे हैं। उन्होंने हमारे नेता की हत्या की और तनाव पैदा किया।”

    ममता और राज्यपाल फिर आये सामने सामने 

    रामपुरहाट में हुई हिंसा को लेकर एक बार फिर राज्यपाल जयदीप धनकड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आमने सामने आ गई है। राज्यपाल ने राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि, रामपुरहाट में हिंसा पश्चिम बंगाल में चिंताजनक स्थिति का संकेत देती है। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा रही है. बंगाल मानवाधिकारों के उल्लंघन की प्रयोगशाला है। मैं सरकार के साथ सहयोग करना चाहता हूं बशर्ते कानूनी प्रक्रिया हो।”

    राज्यपाल के इस बयान पर मुख्यमंत्री ममता ने पलटवार किया है। राज्यपाल को पत्र लिख ममता बनर्जी ने राज्यपाल से अनुचित बयान देने से परहेज करने और प्रशासन को निष्पक्ष जांच करने की अनुमति देने का आग्रह किया।

    क्या है पूरा मामला?

    तृणमूल कांग्रेस के नेता और उपसरपंच भादू शेख की अज्ञात लोगों ने बम से हमला कर उनकी हत्या आकर दी। यह हमला उस समय हुआ जब किसी दूकान पर खड़े थे। हमले में शेखु गंभीर घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शेखु की मौत की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैली। अपने नेता की मौत की खबर सुनते ही समर्थक आक्रामक हो गए और गांव के कई घरो में आग लगा दी। हत्यारों ने पहले घरो के बाहर दरवाजे पर कुंडी लगा दी और फिर घरो में आग लगा दी। इस आग के वजह से रात में सोये लोग जिन्दा जल गए। पुलिस ने एक घर से आठ शवों को बाहर निकाला है। इसी के साथ कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है।