Himanta Biswa Sarma
असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा

Loading

नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व वाले गठबंधन का नाम बदलकर इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) करने पर राजनीति शुरू हो गई है। असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने मंगलवार को विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अंग्रेजों ने हमारे देश का नाम इंडिया रखा जबकि हमारे पूर्वजों ने भारत के लिए लड़ाई लड़ी।

CM हिमंत बिस्वा सरमा ट्वीट किया, “हमारा सभ्यतागत संघर्ष भारत और भारत के आसपास केंद्रित है। अंग्रेजों ने हमारे देश का नाम इंडिया रखा। हमें खुद को औपनिवेशिक विरासतों से मुक्त करने का प्रयास करना चाहिए। हमारे पूर्वज भारत के लिए लड़े और हम भारत के लिए काम करना जारी रखेंगे। भाजपा भारत के लिए।”

सरमा ने आगे लिखा, “कांग्रेस के लिए इंडिया और मोदी जी के लिए भारत” हालांकि उन्होंने इस ट्वीट को जल्द ही हटा दिया और ताजा ट्वीट में इसकी जगह “भाजपा भारत के लिए” लिख दिया।

बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को कड़ी चुनौती देने के प्रयास में जुटे 26 विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ रखा है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमारे गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ होगा। सभी ने एक स्वर में इस प्रस्ताव का समर्थन किया।” उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में 11 सदस्यों की एक समन्वय समिति बनाई जाएगी और महाराष्ट्र के मुंबई में होने वाली अगली बैठक में इसके सदस्यों के नामों की घोषणा की जाएगी। खरगे ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव प्रचार के प्रबंधन के लिए दिल्ली में एक साझा सचिवालय बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “देश और देश के लोगों को बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए हमने आपसी मतभेदों को पीछे रखने का फैसला किया है।”

खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री 26 पार्टियों की विशाल बैठक से डर गए हैं, जिसके बाद वह देश भर में हर NDA सहयोगी को बुला रहे हैं।

एनडीए की बैठक में 38 पार्टियों के शामिल होने के बीजेपी के दावे पर खरगे ने कहा कि उन्हें यह भी नहीं पता कि इतनी पार्टियां भारत में मौजूद भी हैं, या पंजीकृत भी हैं या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है, बल्कि सबसे पुरानी पार्टी का मकसद संविधान, लोकतंत्र और देश के लोगों को बचाना है।

उन्होंने कहा, “मैंने स्टालिन के जन्मदिन पर चेन्नई में पहले ही कहा था कि कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। इस बैठक में हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है। यह हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए है।” उन्होंने कहा, “देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी से त्रस्त है। इसके अलावा, NDA के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में गरीबों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों सहित समाज के वंचित वर्ग के अधिकारों को कुचल दिया जा रहा है।”