नई दिल्ली: ट्रैफिक के नियम हम सभी भलीभांति समझते हैं और उसके हिसाब से हम इन नियमों का पालन करते रहते हैं। लेकिन कई बार देखा होगा लाल सिग्नल पर कभी किसी मंत्री की गाड़ी नहीं थमती है। उन्हें रास्ता देने के लिए लोगों को रोक दिया जाता है और सिग्नल को खोल दिया जाता है। लेकिन अब इस राज्य में ऐसा नहीं होगा। यहां कि सरकार ने फैसला लिया है कि आम लोगों की तरह लाल बत्ती सिग्नल पर मुख्यमंत्री हो या मंत्री सभी को रुकना होगा। इसके लिए सूबे की सरकार ने बकायदे निर्देश जारी किया गया है।
राजस्थान में मंत्री हो या सीएम रेड सिग्नल सभी को होगा रुकना
राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। जिसके तहत अब चाहे वह राज्य के मुख्यमंत्री का ही काफिला हो, या फिर किसी सरकार में किसी मंत्री की गाड़ी उसे रेड सिग्नल होने पर रुकना होगा। सरकार के इस फैसले के पीछे मात्र एक मंशा है कि जनता को अधिक देर तक रुकना न पड़े और ट्राफिक की समस्या से लोगों को निजात मिले। बता दें कि जब राज्य के सीएम या कोई मंत्री अपने काफिले के साथ निकलते हैं तो उनके राह में आने वाले सिग्नल को बंद कर दिया जाता है और जनता को रोक दिया जाता है। जिसके कारण लंबे समय तक इंतजार करना पड़ेगा। सूबे की सरकार के इस फैसले से आम लोगों को राहत मिलेगी।
सुरक्षा के लिहाज से सड़कें होती थी क्लियर
राज्य के सीएम जब अपने काफिले के साथ सड़क पर निकलते हैं तो ऐसे उनकी सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। दरअसल राह में किसी प्रकार की अनहोनी न हो या कोई हमला न करे ऐसे हालत से निपटने के लिए पुलिस उन सड़कों को पहले ही क्लियर करा देती है। ताकि तेजी से काफिला अपने गंतव्य तक पहुंच जाए। लेकिन अब राजस्थान में भजनलाल की सरकार ने इस फैसले से आम लोगों को राहत देने कोशिश की है। लेकिन ऐसे में अब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों और भी मुस्तैद होना पड़ेगा।
एंबुलेंस पर नहीं लगेगा नया नियम
राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से लिए गए फैसले का असर एंबुलेंस पर नहीं होगा। अगर एंबुलेंस में मरीज है तो उसके तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी होगा। ऐसे में एंबुलेंस को रेड सिग्नल होने पर ले जाया जा सकता हैं।