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    जयपुर. कांग्रेस शासित राजस्थान (Rajasthan) में सितंबर में पैदा हुए राजनीतिक संकट पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पार्टी नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने बुधवार को संकेत दिए कि पार्टी जल्द ही उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जिन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने अनुशासनहीनता के लिए नोटिस दिया था। जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कहा कि राजस्थान में अगले विधानसभा चुनाव में केवल 13 महीने बचे हैं और पार्टी विधायक दल (सीएलपी) की बैठक सहित जो भी निर्णय लेने हैं, एआईसीसी उन्हें बहुत जल्द लेगी।

    उन्होंने कहा कि पार्टी के नियम और अनुशासन सभी पर लागू होता है। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जल्द ही इस मामले में फैसला लेंगे। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक एवं पीएचईडी मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर को उस समय नोटिस जारी किए गए थे, जब सचिन पायलट को नया मुख्यमंत्री बनाने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे के विधायक 25 सितंबर को सीएलपी की बैठक में शामिल नहीं हुए थे और पार्टी के किसी भी कदम के खिलाफ धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक की थी।

    पायलट ने कहा कि अब समय आ गया है कि कांग्रेस राजस्थान में राजनीतिक अनिर्णय की स्थिति को समाप्त करे। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बड़ाई किए जाने पर कटाक्ष करते हुए इसे ‘रोचक घटनाक्रम’ बताया और कहा कि इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।

    पायलट ने कहा, “जहां तक अनुशासनहीनता के खिलाफ कार्रवाई का सवाल है तो यह मल्लिकार्जुन खरगे, अजय माकन, केसी वेणुगोपाल जी के पूरे संज्ञान में है। उस पर भी जल्द कार्रवाई होगी।” उन्होंने कहा, “राजस्थान में यह जो अनिर्णय का माहौल बना हुआ है, मुझे लगता है कि उसे भी समाप्त करने का समय आ गया है और पार्टी इस दिशा में बहुत जल्द कार्रवाई करेगी।”

    मंगलवार को एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मंच पर मुख्यमंत्री गहलोत की बड़ाई किए जाने पर पायलट ने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने कल जो बयान दिए, जो बड़ाइयां कीं, मैं समझता हूं कि यह एक बड़ा ही दिलचस्प घटनाक्रम है।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने इसी तरह सदन में गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी और उसके बाद का घटनाक्रम हम सबने देखा है। लिहाजा हमें इस घटनाक्रम को हल्के में नहीं लेना चाहिए।”