Maharashtra in Lok Sabha Election 2024

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नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई:
शुक्रवार को लोकसभा चुनाव का दूसरा चरण समाप्त हो गया है। इन दो चरणों में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 13 सीटों पर मतदान हो चुका है। इनमें विदर्भ की 10 और मराठवाड़ा की 3 लोकसभा सीटों पर दिग्गजों की साख दांव पर लगी है। पहले चरण में 5 और दूसरे चरण में 8 लोकसभा सीटों पर चुनाव के बाद अब एमवीए और महायुति की तरफ से अलग अलग दावे किए जा रहे हैं। पहले चरण में कम मतदान से घबराई बीजेपी ने दूसरे चरण के मतदान से कुछ राहत जरूर महसूस की है। दूसरी तरफ एमवीए के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं।  विदर्भ की सीटों पर महाविकास आघाड़ी ने जहां चेहरों पर दांव लगाया वहीं महायुती ने ज्यादातर पुराने चेहरों पर भरोसा किया है। 

दोनों सेना के बीच मुकाबला
बुलढाणा, यवतमाल-वाशिम और हिंगोली सीट पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला है। बुलढाना में शिंदे गुट के प्रतापराव जाधव के खिलाफ यूबीटी के नरेंद्र खेडेकर, हिंगोली में शिंदे गुट के बाबुराव कोहलिकर के सामने यूबीटी के नागेश आष्टिकर और यवतमाल-वाशिम में शिवसेना ने मौजूदा सांसद भावना गवली को हटाकर राजश्री पाटिल को मैदान में उतारा। पाटिल का मुकाबला ठाकरे की यूबीटी के संजय देशमुख से हुआ है। हिंगोली में राजश्री पाटिल के पति और मौजूदा सांसद हेमंत पाटिल की जगह शिवसेना ने बाबूराव कोहलिकर को टिकट दिया। परभणी में एनडीए समर्थित राष्ट्रीय समाज पक्ष के महादेव जानकर, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय जाधव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। वर्धा सीट को छोड़कर बाकि सीटों पर बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवारों से है। वर्धा में कांग्रेस के पूर्व विधायक अमर काले एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के चुनाव चिन्ह पर लडे हैं। बीजेपी सांसद रामदास तड़स से उनका सीधा मुकाबला है। 

कांग्रेस को नए चेहरों से उम्मीद
विदर्भ की 10 सीटों में से 7 सीटों पर कांग्रेस, 2 पर यूबीटी और 1 सीट पर एनसीपी शरद पवार गुट ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा। विदर्भ से कांग्रेस को काफी आशाएं हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस ने ज्यादातर नए चेहरे दिए हैं। पुराने चेहरों से उकता गए लोगों को नए उम्मीदवारों से उम्मीद है। चर्चा है कि बीजेपी की हाई प्रोफाइल सीट नागपुर में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी है। इसी तरह अमरावती में बीजेपी की नवनीत राणा के खिलाफ कांग्रेस के बलवंत वानखेड़े, अकोला में बीजेपी के अनूप धोत्रे के खिलाफ डॉ अभय पाटिल हैं। अकोला से ही वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर के होने से मुकाबला त्रिकोणीय जरुर हो गया। नांदेड में प्रताप पाटिल के खिलाफ कांग्रेस के नए उम्मीदवार वसंतराव चव्हाण ने लोहा मनवाया है। रामटेक से बीजेपी ने पूर्व कांग्रेसी राजू पारवे को मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने श्याम बर्वे पर दांव लगाया। 

लोकल मुद्दे रहे हावी
पहले व दूसरे चरण में विदर्भ की सभी 10 व मराठवाडा की 3 सीटों पर लोकल मुद्दे हावी रहे हैं। पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, सीएम एकनाथ शिंदे सहित एनडीए के दिग्गज नेताओं ने प्रचार में पसीना बहाया। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे भी जुटे रहे। वैसे महाआघाड़ी का लोकतंत्र बचाओ मुद्दे का असर दिखा है। विदर्भ में 30 प्रतिशत से ज्यादा दलित और पिछड़ी जाती के मतदाता होने से कांग्रेस को इसका लाभ मिल सकता है। वहीं चंद्रपुर- गढ़चिरोली में आदिवासी बहुल मतदाताओं पर कितना असर हुआ है, इसका पता तो रिजल्ट के बाद ही चलेगा परंतु लोकल मुद्दे हावी होने के कारण एंटी इन्केम्बेंसी भी दिखाई पड़ी है। 

बीजेपी के लिए मुश्किल
राज्य में 45 पार का लक्ष्य लेकर चली महायुति के लिए चुनाव का पहला व दूसरा चरण राहत वाला नजर नहीं आ रहा है। दूसरे चरण में महाराष्ट्र की 8 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में पश्चिम विदर्भ क्षेत्र की बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा और यवतमाल-वाशिम, हिंगोली और  मराठवाड़ा में नांदेड़ और परभणी सीट से कुल 204 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। 19 अप्रैल को पहले चरण में पूर्वी विदर्भ की 5 सीटों  नागपुर, रामटेक, चंद्रपुर, भंडारा-गोंदिया और गढ़चिरौली-चिमूर में मतदान हुआ। राज्य की 25 प्रतिशत से ज्यादा सीटों पर चुनाव हो चुका है।