
मुंबई/ नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार मुंबई की सत्र अदालत ने ‘बुली बाई’ ऐप मामले में गिरफ्तार तीन छात्रों को जमानत दे दी है। बता दें कि, ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म ‘गिटहब’ पर डाले गए ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए अनुमति लिए बिना सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की फर्जी तस्वीरें अपलोड किए गए थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एबी शर्मा ने इस मामले में गिरफ्तार नीरज बिश्नोई, ओंकारेश्वर ठाकुर और नीरज सिंह को जमानत दे दी है। बिश्नोई ने अधिवक्ता शिवम देशमुख के माध्यम से दायर अपनी जमानत याचिका में दावा किया कि, उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया था। उन्होंने जमानत की मांग की थी क्योंकि उनके सह-आरोपियों को जमानत दे दी गई थी।
Sessions court in Mumbai grants bail to three students arrested in 'Bulli Bai' app case. The app had made details of several Muslim women public to allow people to participate in their 'auction'.
— Press Trust of India (@PTI_News) June 21, 2022
उल्लेखनीय है कि, इसी मामले में अप्रैल में शहर के बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपी विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक अग्रवाल को जमानत दे दी थी। पुलिस ने मार्च में दायर अपने आरोप पत्र में दावा किया था कि, बिश्नोई ने एक सह-अभियुक्त को 100 “प्रसिद्ध गैर-भाजपा मुस्लिम महिलाओं” की तस्वीरें भेजने के लिए कहा ताकि उन्हें नीलामी के लिए रखा जा सके।
पुलिस की तरफ से दायर चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि, बिश्नोई ने सबसे पहले बुल्ली बाई ऐप का लिंक अपने ट्विटर ग्रुप पर शेयर किया था। इस ग्रुप के सभी सदस्य इस बात से पूरी तरह वाकिफ थे कि, इसका इस्तेमाल मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने के लिए किया जाने वाला है। इस ऐप का उद्देश्य लक्षित महिलाओं को अपमानित करना और डराना था, जिनमें से कई सक्रिय सोशल मीडिया उपयोगकर्ता हैं।