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    नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने रविवार को सुल्ली डील्स ऐप (Sulli Deals App) बनाने वाले ओंकारेश्वर ठाकुर (Aumkareshwar Thakur) की जमानत याचिका खारिज कर दी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने जांच के दौरान बुल्ली बाई ऐप केस के मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई (Neeraj Bishnoi) से उसके बारे में जानकारी मिलने के बाद पिछले हफ्ते इंदौर से सुल्ली डील्स ऐप के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया था।  

    कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है और एमएलएटी प्रक्रिया के बाद काफी समय लेने वाले प्रयासों के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

    ट्रेड महासभा ग्रुप के सदस्यों का मिला ट्विटर हैंडल

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, ट्विटर हैंडल पर पहले ट्रेड महासभा ग्रुप बना था। इस ग्रुप में बुल्ली बाई केस के आरोपी नीरज बिश्नोई और सुल्ली डील्स ऐप के ओंकारेश्वर ठाकुर के साथ देश के करीब 50 लोग जुड़े थे। उन्होंने बताया कि, ट्रेड महासभा ग्रुप इनमें से किसी तीसरे व्यक्ति ने बनाया था। महासभा ग्रुप में विचार-विमर्श के बाद सुल्ली डील्स व बुल्लीबाई एप बनी थी।

    अधिकारी ने बताया कि इस ग्रुप के करीब 14 सदस्यों को ट्विटर हैंडल मिल गया है। इन हैंडल को बनाने के लिए किस ई-मेल आइडी का इस्तेमाल किया गया, किसने बनाया, किसके फोटो लगे और आईपी एड्रेस क्या है, आदि की जानकारी के लिए ट्विटर को पत्र लिखा है। और ट्विटर से जल्द ही जवाब मांगा है।

    ‘बुल्ली बाई  मामले में आरोपी  14 दिनों की न्यायिक हिरासत में

    इससे पहले, मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को ‘बुल्ली बाई’ एप मामले में गिरफ्तार आरोपी श्वेता सिंह और मयंक रावत को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दो आरोपियों को मुंबई पुलिस ने महीने के शुरुआत में गिरफ्तार किया था।

    उल्लेखनीय है कि, इन ऐप के जरिए कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जाता था। बता दें कि,श्वेता सिंह की उम्र 18 साल है जबकि रावत की उम्र 21 साल है। दोनों आरोपियों ने न्यायिक हिरासत में भेजने के तुरंत बाद जमानत की अर्जी दाखिल की।