
नई दिल्ली: मार्क सूची विवाद (mark list controversy) के संबंध में पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई के एक स्पष्ट संदर्भ में कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने मंगलवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (CPI) के नेतृत्व वाली केरल सरकार की खिंचाई की। पूर्व राज्य मंत्री ने आरोप लगाया कि केरल में पेशेवर तरीके से अपना काम कर रहे पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और राज्य के लिए प्रेस की स्वतंत्रता अपरिहार्य है। थरूर ने ट्विटर पर कहा कि केरल में पेशेवर रूप से अपना काम कर रहे पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही के बारे में सुनकर निराश हूं। प्रेस की स्वतंत्रता हमारे लोकतंत्र के लिए अपरिहार्य है और हमारे राज्य के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार को इस तरह के उत्पीड़न को रोकना चाहिए
कांग्रेस नेता ने फ्रांसीसी लेखक वोल्टेयर के प्रसिद्ध उद्धरण वाली एक तस्वीर भी पोस्ट की, “आप जो कहते हैं, मैं उससे असहमत हो सकता हूं, लेकिन मैं इसे कहने के आपके अधिकार की रक्षा करूंगा।”
"Disappointed to hear of proceedings against journalists in Kerala": Shashi Tharoor
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— ANI Digital (@ani_digital) June 13, 2023
केरल पुलिस ने स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के स्टेट सेक्रेटरी और छात्र द्वारा दायर शिकायत में महाराजा कॉलेज, एर्नाकुलम के पूर्व समन्वयक विनोद कुमार, कॉलेज प्रिंसिपल वीएस जॉय, केएसयू के प्रदेश अध्यक्ष अलोटियस जेवियर, फाजिल सीए और एशियानेट न्यूज रिपोर्टर अखिला नंदकुमार को आरोपी बनाया है। महाराजा कॉलेज के छात्र पीएम अर्शो ने साजिश का आरोप लगाया।
आपराधिक साजिश, जालसाजी और मानहानि सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी, 465, 469 और 500 और केरल पुलिस (केपी) अधिनियम 2011 की धारा 120 (ओ) के तहत मामला दर्ज किया गया है।कॉलेज की वेबसाइट पर परिणाम दिखाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया, जहां पीएम अर्शो को पास चिह्नित किया गया था, लेकिन अंक शून्य दिखाई दिए। जबकि अर्शो का दावा था कि उन्होंने इस परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया था इसलिए उन्होंने परीक्षा नहीं लिखी।