नई दिल्ली: समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) आरपी अधिनियम 1951 की धारा 29ए और 29 सी का अनुपालन न करने के लिए 2100 से अधिक पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (Registered Unrecognized Political Parties) के खिलाफ श्रेणीबद्ध कार्रवाई करने वाला है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह कहा गया है।
Election Commission of India to take graded action against more than 2100 Registered Unrecognized Political Parties (RUPPs) for non-compliance with sections 29A and 29C of the RP Act 1951 pic.twitter.com/3uJpWLUBnN
— ANI (@ANI) May 25, 2022
उल्लेखनीय है कि, चुनाव आयोग ने आरपी अधिनियम 1951 की प्रासंगिक धारा 29ए और 29सी के लिए पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) द्वारा उचित अनुपालन लागू करने के लिए कार्रवाई शुरू की है। वहीं, आयोग इस बात से अवगत है कि उक्त अधिनियम में शर्तों और विनियमों का अनुपालन आवश्यक शर्तें हैं। वित्तीय अनुशासन, औचित्य, सार्वजनिक जवाबदेही, पारदर्शिता बनाए रखने और मतदाताओं को सूचित निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने के लिए आवश्यक है।
चुनाव आयोग की और से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि, आवश्यक अनुपालन के अभाव में निर्वाचन आयोग और चुनाव आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के ईसीटी के जनादेश को सुनिश्चित करने में बुनियादी तथ्यात्मक जानकारी से वंचित हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार, आयोग के पास तीन विशिष्ट पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) के खिलाफ गंभीर वित्तीय अनौचित्य, कर चोरी के लिए जानबूझकर प्रयास और अन्य अवैध वित्तीय गतिविधियों का सबूत है।
क्या है जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 A
राजनीतिक दलों का पंजीकरण, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 A के प्रावधानों द्वारा नियंत्रित होता है। भारत के आयोग के अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A द्वारा प्रदत्त अधिकारों के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार, आयोग से उक्त धारा के तहत पंजीकरण की मांग करने वाले दल को अपने गठन के 30 दिनों के भीतर आयोग को इस सम्बन्ध में एक आवेदन प्रस्तुत करना होता है।