Piyush Goyal, BJP, Rajya Sabha

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नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने संसद में विधायी एजेंडा को आगे बढ़ाने और अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने देने को लेकर सत्ता पक्ष की विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि न तो नियम और न ही परिपाटी सत्तारूढ़ दल के लिए पहले बहुमत साबित करना अनिवार्य बनाती है।

राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने संवाददाताओं से कहा कि हर कोई जानता है कि सरकार के पास लोकसभा में दो तिहाई बहुमत है और संख्या बल इसके पक्ष में है। कई विपक्षी सदस्यों ने कहा है कि सरकार के खिलाफ उनके अविश्वास प्रस्ताव को पहले लोकसभा में लाया जाना चाहिए।

उन्होंने दावा किया है कि इससे पहले विधेयकों को पारित कराना सत्ता पक्ष के लिए गलत है। गोयल ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है और परिपाटी भी इस तरह के तर्क का समर्थन नहीं करती है। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर कब चर्चा होनी है, यह तय करना लोकसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है और जब भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा, सरकार तैयार है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दावा किया है कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद पारित सभी विधेयक ‘संवैधानिक रूप से संदिग्ध’ हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी ने यह भी कहा कि लोकसभा में पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 10 दिन की अवधि का इस्तेमाल विधेयकों को ‘तेजी से पारित’ करने के लिए नहीं किया जा सकता।

कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी उनके विचारों का समर्थन किया है। गोयल ने विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस यानी ‘इंडिया’ पर वार किया। विपक्षी गठबंधन के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर का दौरा करने के बाद वहां लोगों की पीड़ा को रेखांकित किया और संसद में चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये विपक्षी पार्टियां ही हैं जो चर्चा से भाग रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार मानसून सत्र के पहले दिन से ही चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष मांग कर रहा है कि मणिपुर की स्थिति पर किसी भी चर्चा से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में बयान दें। सरकार ने इस मांग पर अपनी असहमति स्पष्ट करते हुए कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा का जवाब देंगे।

गोयल के अनुसार विपक्ष को डर है कि चर्चा के दौरान उसका पर्दाफाश हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बहस होगी तो राज्य और केंद्र में कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान की खराब स्थिति को उजागर किया जाएगा और भाजपा के सत्ता में आने के बाद चीजें कैसे बदल गईं, यह भी बताया जाएगा।(एजेंसी)