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    नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार का आठवां आम बजट पेश कर दिया। वित्त मंत्री से बड़ी राहत की आस लगाए बैठे कार दाताओं को टैक्स स्लैब में राहत के बदले केवल धन्यवाद और नमस्कार के साथ दो साल में भूल सुधार का मौका मिला है। जिसके बाद वित्त मंत्री ने रिकॉर्ड कर दाताओं के उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 

    टैक्स स्लैब में नहीं कोई बदलाव 

    वित्त मंत्री ने आम बजट पेश करते समय डायरेक्ट टैक्स कर में किसी भी तरह से बदलाव नहीं किया है। 2014 में आखिरी बार तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आखिरी बार कर स्लैब में बदलाव किया था। जिसके तहत टैक्स फ्री स्लैब को दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख कर दिया था। इसी के साथ बुजुर्गों के लिए ढाई से बढ़ाकर तीन लाख कर दिया था। 

    ऐसा रहेगा टैक्स स्लैब

    • दोनों ही विकल्पों में 2.5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत कर लगता है। हालांकि, आयकर अधिनियम की 87A के तहत 12,500 रुपये तक की छूट दी गई है। इसका मतलब है कि दोनों ही विकल्पों में 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं चुकाना पड़ता।
    • नए विकल्प में 5 से 7.5 लाख रुपये पर 10% और 7.5 लाख से 10 लाख रुपये की आय पर 15% टैक्स है, जबकि पुराने विकल्प में 5 से 10 लाख रुपये की आय पर 20% टैक्स लगता है।
    • पुराने विकल्प में 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगता है। नई व्यवस्था में 10 से 12.5 लाख रुपये की आय पर 20% और 12.5 लाख से 15 लाख रुपये पर 25% टैक्स है। 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगता है। सेस और सरचार्ज की वजह से प्रभावी टैक्स रेट बढ़ जाता है।