Jamia Students Protest, Jamia University
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    नयी दिल्ली. वाम समर्थित छात्र संगठन ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बने बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र को दिखाने की घोषणा के बाद दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उन्होंने चार छात्रों को हिरासत में लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी और वे “विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण अकादमिक माहौल को तबाह करने के निहित स्वार्थ वाले” लोगों तथा संगठनों को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं।

    दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि एसएफआई ने शाम छह बजे वृत्तचित्र दिखाने की योजना का ऐलान किया है और इससे कुछ घंटे पहले एसएफआई के चार सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। एसएफआई की जामिया इकाई ने एक पोस्टर जारी किया जिसके अनुसार एससीआरसी लॉन गेट नंबर 8 पर शाम छह बजे वृत्तचित्र दिखाया जाएगा।

    एसएफआई ने उसके सदस्यों को हिरासत में लिये जाने के बाद जारी बयान में कहा, “जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र और एसएफआई की जामिया इकाई के सचिव अजीज, जामिया के छात्र और एसएफआई के दक्षिण दिल्ली क्षेत्र के उपाध्यक्ष निवेद्य, जामिया के छात्र और एसएफआई के सदस्य अभिराम तथा तेजस को दिल्ली पुलिस ने वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग से पहले खराब तरीके से हिरासत में ले लिया।”

    उसने कहा, “एसएफआई की जामिया इकाई ने परिसर में आज बीबीसी के वृत्तचित्र के प्रदर्शन का फैसला किया था।” विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी बयान जारी कर कहा कि वृत्तचित्र के प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गयी है और इसे प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा।

    विश्वविद्यालय ने बयान में कहा, “विश्वविद्यालय प्रशासन के संज्ञान में आया है कि एक राजनीतिक संगठन से जुड़े कुछ छात्रों ने आज विश्वविद्यालय परिसर में एक विवादित वृत्तचित्र के प्रदर्शन के बारे में पोस्टर बांटे हैं।”

    विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले एक पत्र जारी कर कहा था कि सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति के बिना परिसर में छात्रों की सभा या बैठक अथवा किसी फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी। विश्वविद्यालय ने कहा कि किसी भी तरह का उल्लंघन होने पर आयोजकों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी मंगलवार को वृत्तचित्र का प्रदर्शन आयोजित किया गया था और आयोजक छात्रों ने दावा किया कि इस दौरान बिजली आपूर्ति और इंटरनेट रोक दिया गया तथा उन पर पथराव किया गया।