नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना ने कहा है कि, हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ‘ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष सौंप दिए हैं, इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और 13 अन्य की मृत्यु हो गई थी। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारणों के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज किया गया।
भारतीय वायुसेना ने बयान जारी कर कहा कि, ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारणों के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज किया गया है।” इसमें कहा गया है, ‘‘दुर्घटना घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश का परिणाम थी। इससे पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ, जिसके परिणामस्वरूप ‘कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन (सीएफआईटी)’ या हादसा हो गया।’
Tri-Services Court of Inquiry into the Mi-17 V5 accident on 08 Dec 21 (which killed CDS Rawat & others) in its preliminary findings analysed Flight Data Recorder and Cockpit Voice Recorder; has ruled out mechanical failure, sabotage or negligence as a cause of the accident: IAF
— ANI (@ANI) January 14, 2022
नतीजों के अनुसार, दुर्घटना मौसम में अप्रत्याशित परिवर्तन के कारण हुआ था जिसके कारण पायलट का भटकाव हुआ। बादलों की वजह से पायलट को दिशाभ्रम हो गया और हेलिकॉप्टर अनियंत्रित होकर जमीन से जा टकराया। जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ की। इसके अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया। अपने निष्कर्षों के आधार पर, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ सिफारिशें की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक ट्राई-सर्विस इंक्वायरी के आदेश दिए थे जो दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में जुटी थी।