नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार भारत का इकलौता सोलर मिशन आदित्य L1 (Aditya L1) आगामी 6 जनवरी को तय जगह यानी लैगरेंज पॉइंट पर पहुंच जाएगा। ये जगह पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर स्थित है। इस बाबत ISRO प्रमुख के सोमनाथ ने आज यानी 23 दिसंबर को जानकारी दी। जानकारी दें कि आदित्य L1 को बीते 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। इस मिशन को सूर्य के अध्ययन के लिए खास तौर पर लांच लॉन्च किया गया है।
I’m set to arrive at my cosmic destination, Lagrange Point 1 (L1), on Jan 6, 2024! #ISRO pic.twitter.com/4FnZKwg27q
— ISRO ADITYA-L1 (@ISRO_ADITYAL1) December 22, 2023
जानें क्या है लैग्रेंजियन पॉइंट
जानकारी दें कि, पृथ्वी और सूर्य के बीच पांच ‘लैग्रेंजियन’ बिंदु (या पार्किंग क्षेत्र) हैं, जहां पहुंचने पर कोई वस्तु वहीं रुक जाती है। लैग्रेंज बिंदुओं का नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के नाम पर पुरस्कार प्राप्त करने वाले उनके अनुसंधान पत्र-‘एस्से सुर ले प्रोब्लेम डेस ट्रोइस कॉर्प्स, 1772 के लिए रखा गया है।लैग्रेंज बिंदु पर सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होता है, जिससे किसी उपग्रह को इस बिंदु पर रोकने में भी आसानी होती है।
आदित्य में 7 जरुरी पेलोड
पाठकों को यह भी बताते चलें कि, आदित्य L1 मिशन के साथ जो काम के 7 इक्विपमेंट्स गए हैं, उनके नाम हैं- विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रा-वॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX), प्लाजमा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (SoLEXS), हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (HEL1OS) और मैग्नेटोमीटर पेलोड। ये सभी सूरज के अध्ययन रिसर्च में बहुत काम आएंगे।