नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इतिहास रच दिया है। ISRO ने शनिवार को ‘आदित्य L1’ यान को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ (L1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया गया है। इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISRO को बधाई दी।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “भारत का पहला सौर अनुसंधान उपग्रह आदित्य-L1 अपने गंतव्य तक पहुंच गया। यह सबसे जटिल और कठिन अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है।” उन्होंने कहा, “मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ हूं। हम मानवता की भलाई के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को पार करते रहेंगे।”
India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it’s destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join the nation in applauding this…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 6, 2024
इसरो के सौर मिशन आदित्य-L1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश करने पर इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, “आज का कार्यक्रम केवल आदित्य-एल1 को सटीक हेलो कक्षा में स्थापित करना था। इसलिए यह उच्च कक्षा की ओर बढ़ रहा था, लेकिन हमें इसमें थोड़ा सुधार करना पड़ा। तो अभी, हमारी गणना में, यह सही जगह पर है। लेकिन हम अगले कुछ घंटों तक इस पर नजर रखेंगे कि यह सही जगह पर है या नहीं। फिर अगर इसमें थोड़ा सा भी बदलाव हुआ तो हमें थोड़ा सुधार करना पड़ सकता है। हमें ऐसा होने की उम्मीद नहीं है।”
उन्होंने कहा, “तस्वीरें पहले ही वेबसाइट पर डाल दी गई हैं। हमारे पास कण माप भी हैं, सूर्य से क्या निकल रहा है। फिर हमारे पास एक्स-रे माप भी हैं, जो कम ऊर्जा और उच्च ऊर्जा एक्स-रे माप में हैं। हमारे पास एक मैग्नेटोमीटर भी है, जो अंतरिक्ष चुंबकत्व क्षेत्र को देखता है, जो इन इजेक्शनों के कारण आ रहा है। सौर हवा मूलतः कण उत्सर्जन है जो हो रहा है। बहुत से लोग इस प्रभाव को समझने में रुचि रखते हैं। इसलिए हम आने वाले दिनों में बहुत सारे वैज्ञानिक परिणामों की आशा करते हैं। उपग्रह में बचे ईंधन से कम से कम पांच साल के जीवन की गारंटी है।”
#WATCH | On ISRO’s Solar Mission Aditya-L1 entering Halo Orbit, ISRO Chairman S Somanath says, “Today’s event was only placing the Aditya-L1 in the precise Halo orbit. So it was moving towards a high orbit, but we had to do a little bit of corrections… So right now, in our… pic.twitter.com/UgUpWDzIY4
— ANI (@ANI) January 6, 2024
उन्होंने कहा, “इसलिए यह हमारे लिए बहुत संतुष्टिदायक है क्योंकि यह एक लंबी यात्रा का अंत है। लिफ्ट-ऑफ से लेकर अब तक 126 दिन बाद यह अंतिम बिंदु पर पहुंच गया है। इसलिए अंतिम बिंदु तक पहुंचना हमेशा एक चिंताजनक क्षण होता है, लेकिन हम इसके बारे में बहुत आश्वस्त थे। तो जैसा अनुमान लगाया गया था वैसा ही हुआ। हम बहुत खुश थे।”
#WATCH | On ISRO’s Solar Mission Aditya-L1 entering Halo Orbit, ISRO Chairman S Somanath says, “So it is very satisfying for us because it is the end of a long journey. 126 days from lift-off to now, it has reached the final point. So reaching the final point is always, an… pic.twitter.com/JsscqRAO9E
— ANI (@ANI) January 6, 2024
इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा था कि आदित्य L-1 शनिवार को दोपहर चार बजे L1 प्वाइंट पर पहुंचेगा। एल1 प्वाइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है और इस स्थान से सूर्य की दूरी भी 15 लाख किलोमीटर ही है। आदित्य L1 उपग्रह को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पिछले वर्ष 2 सितंबर को प्रक्षेपित किया गया था।