Adani Hindenburg Case
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नई दिल्ली: कांग्रेस ने अडाणी समूह की तीन कंपनियों के निदेशक पद से गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी के इस्तीफा देने संबंधी खबर का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि ‘अडाणी महाघोटाले’ की सच्चाई जनता के समक्ष लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा इसकी जांच जरूरी है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस को इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन इस समिति का अधिकार क्षेत्र प्रतिभूति नियमों के उल्लंघन की जांच तक ही सीमित है। अमेरिकी संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की कुछ सप्ताह पहले आई रिपोर्ट में अडाणी समूह पर अनियमितता के आरोप लगाए गए थे और इसके बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर लगातार हमले कर रही है। अडाणी समूह ने सभी आरोपों को निराधार बताया था।

रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘खबरों से पता चलता है कि गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद ने अडाणी समूह के ऑस्ट्रेलियाई बंदरगाहों और खनन परियोजनाओं से जुड़ी तीन कंपनियों के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि विनोद अडाणी पहले भी स्टॉक में हेराफेरी और ‘खातों में धोखाधड़ी’ के मामलों में संलिप्त रहे हैं। 

रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने ‘हम अडाणी के हैं कौन’ प्रश्न श्रृंखला के तहत 16 फरवरी, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुछ सवाल किए थे। संयुक्त अरब अमीरात में विनोद अडाणी से जुड़ी इकाइयों को राजस्व खुफिया निदेशालय ने बिजली उपकरणों की कीमत कम दिखाने से संबंधित घोटाले में संलिप्त पाया। ऐसा आरोप है कि इस घोटाले के माध्यम 5500 करोड़ रुपये भारत से बाहर भेज दिए गए।” उन्होंने कहा कि ‘अडाणी महाघोटाले’ से संबंधित सभी प्रासंगिक पहलुओं की जांच करने और सच्चाई जनता के सामने लाने के लिए इसकी जेपीसी से जांच जरूरी है।