(वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा करते हुए तेलंगाना CM KCR)
(वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा करते हुए तेलंगाना CM KCR)

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हैदराबाद : तेलंगाना (Telangana) में भारत राष्ट्र समिति (Bharat Rashtra Samiti) की एक बार फिर सरकार बनने की उम्मीद भले हो, लेकिन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (CM K. Chandrashekhar Rao) अपना हर बड़ा कदम बिना भगवान के आशीर्वाद के नहीं उठाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को उम्मीद है कि भगवान एक बार फिर उनकी नैया पार लगा देंगे। केसीआर हर बार चुनाव में नामांकन से पहले भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन के लिए जाते हैं। इस बार भी उन्होंने ये परंपरा कायम रखी है। इसीलिए दो विधानसभा सीटों से नामांकन दाखिल करने के पहले वह अपना नामांकन पत्र लेकर भगवान के दरबार में गए थे और उनको सौंप दिया था। मुख्यमंत्री भगवान से आशीर्वाद लेने के बाद ही अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए दोनों विधानसभा सीटों पर बारी-बारी से जा रहे हैं। 

आपको याद होगा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति ( अब भारत राष्ट्र समिति) के नाम से इस पार्टी का गठन 27 अप्रैल 2001 को हुआ था। इसके बाद पार्टी के मुखिया के. चंद्रशेखर राव की पार्टी ने पहले कांग्रेस और फिर तेलुगू देशम पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के साथ भी मिलकर 2004 और 2009 का इलेक्शन लड़ा, लेकिन उनको कोई खास सफलता हासिल नहीं हुई। इसके बाद 2014 में पार्टी ने अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया। 2014 में लोकसभा के साथ हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को 17 लोकसभा सीटों में से 11 सीटों पर जीत हासिल हुई, जबकि 119 विधानसभा सीटों में से 63 विधानसभा सीटें जीतकर बहुमत की सरकार बनाने के काबिल बन गई। इसके बाद से ही केसीआर मुख्यमंत्री राज्य में अपना परचम लहरा रहे हैं।

इसीलिए 2018 में उन्होंने विधानसभा का कार्यकाल पूरा करने के पहले ही असेंबली भंग कराकर विधानसभा का चुनाव लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ही करवा लिया। इस चुनाव में भी उनकी पार्टी को बहुमत मिला और के. चंद्रशेखर राव ने विधानसभा चुनाव में 70% से अधिक सीटें जीतते हुए 88 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमा लिया। हालांकि उसके बाद 2019 में हुए लोकसभा के चुनाव में उनके सांसदों की संख्या कम हो गई लेकिन राज्य में पार्टी का दबदबा बना रहा।

(पत्नी संग पूजा करते हुए तेलंगाना CM के. चंद्रशेखर राव )

नेशनल लेवल पर दखल देने की तैयारी

2022 में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति करने की योजना बनाई और अपनी पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्रीय समिति से बदलकर भारत राष्ट्र समिति रख दिया। 5 अक्टूबर 2022 को नेशनल पॉलिटिक्स में अपनी एंट्री करते हुए अपने आगे के प्लान की घोषणा की और 6 अक्टूबर को चुनाव आयोग में जाकर अपनी पार्टी का नाम बदलने का दस्तावेज भी सौंप दिया। इस तरह से तेलंगाना राष्ट्र समिति अब भारत राष्ट्र समिति बन गई है।

भाजपा-कांग्रेस हैं आक्रामक

मौजूदा समय में हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी भारत राष्ट्र समिति के ऊपर आक्रामक हैं और उन्हें लग रहा है कि पिछले 9 सालों में के. चंद्रशेखर राव और उनके बेटे केटीआर के द्वारा किए गए घोटालों और जनता विरोधी कार्यों को दोनों पार्टियां भुना सकती हैं। इसीलिए केसीआर पर परिवारवाद व भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर हमला बोल रहीं है। इसके साथ-साथ असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM  से तालमेल रखने का आरोप भी लगाकर दोनों दल हमलावर हैं। वहीं इसके जवाब में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से अधिक उनके बेटे केटीआर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में और उनकी बेटी के. कविता भी अन्य राजनीतिक दलों के हमले का सीधा तौर पर जवाब दे रही हैं। 

इस चुनाव को जीतने के लिए भारत राष्ट्र समिति ने अन्य बड़े राजनीतिक दलों की तरह सोशल मीडिया की एक बड़ी टीम तैयार की है। साथ ही साथ चुनाव के उन तमाम सभी हथकंडों को अपनाने की कोशिश की है, जिसको बड़े राजनीतिक दल किया करते हैं। इसी कारण भारत राष्ट्र समिति ने अन्य दलों से बढ़त बनाती दिख रही है। इसीलिए सीएम के बेटे  के. टी. रामा राव राज्य की भावना को मूल बनाकर अपनी पार्टी के लिए वोट मांग रहे हैं।

BRS तेलंगाना के लोगों की ‘ए’ टीम 

भारत राष्ट्र समिति के वरिष्ठ नेता के. टी. रामा राव ने कहा कि उनकी पार्टी किसी की ‘बी टीम’ नहीं बल्कि तेलंगाना के लोगों की ‘ए टीम’ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ बीआरएस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘बी टीम’ है, रामा राव ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनावों तक में भाजपा के साथ गठबंधन नहीं किया।

रामा राव ने कहा, ”बीआरएस, तेलंगाना के लोगों की ‘ए’ टीम है और किसी की ‘बी’ टीम नहीं है।”

राज्य सरकार में कथित भ्रष्टाचार को लेकर विपक्षी दलों के आरोपों पर बीआरएस नेता ने सवाल किया कि केंद्र को कार्रवाई करने से किसने रोका है। हैदराबाद में एक बैठक में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए रामा राव ने दावा किया कि स्थिर सरकार और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव का सक्षम नेतृत्व ही कंपनियों के केरल, कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र से तेलंगाना का रुख करने का कारण है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता होने पर औद्योगिक क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। रामा राव ने यह भी कहा कि बीआरएस सरकार ने ऋण जुटाया और ऊर्जा, सिंचाई एवं स्वास्थ्य जैसे उत्पादक क्षेत्रों में निवेश किया है। 

(वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा करते हुए CM KCR)

भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी की शरण में सीएम

भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव राज्य में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बृहस्तिवार को गजवेल और कामारेड्डी में अपना नामांकन पत्र दाखिल करने वाले हैं। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद राव दोपहर में कामारेड्डी में एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। इसके पहले केसीआर ने चार नवंबर को सिद्दीपेट जिले के कोनैपल्ली में भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का दौरा कर चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले विशेष पूजा-अर्चना की थी। उन्होंने अपना नामांकन पत्र मंदिर के गर्भगृह में रखकर पूजा की थी।

ये है केसीआर का चुनावी प्लान

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री दिवाली के बाद राव 13 नवंबर से अपनी चुनावी यात्राएं फिर से शुरू करेंगे। वह चुनाव के मद्देनजर 13 से 28 नवंबर के बीच आयोजित 54 ‘प्रजा आशीर्वाद’ बैठकों को संबोधित करेंगे। बीआरएस प्रमुख 28 नवंबर को गजवेल में अपनी अंतिम चुनावी रैली को संबोधित करेंगे।