लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी UCC के खिलाफ नहीं है। बल्कि सरकार के तरीके पर असहमत है।
UCC को लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए था: UCC
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संविधान की धारा 44 में UCC बनाने का प्रयास तो वर्णित हैं मगर इसे थोपने का नहीं है। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही भाजपा को देश में UCC को लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए था। हमारी पार्टी UCC को लागू करने के खिलाफ नहीं है बल्कि भाजपा और इनकी सरकार द्वारा इसे देश में लागू करने के तरिके से सहमत नहीं है।
#WATCH …संविधान की धारा 44 में UCC बनाने का प्रयास तो वर्णित हैं मगर इसे थोपने का नहीं है। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही भाजपा को देश में UCC को लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए था। हमारी पार्टी UCC को लागू करने के खिलाफ नहीं है बल्कि भाजपा और इनकी सरकार द्वारा… pic.twitter.com/FL05oGBs9u
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 2, 2023
UCC की आड़ में संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति करना सही नहीं: मायावती
मायावती ने कहा कि भारत की विशाल आबादी में अलग- अलग धर्मों के मानने वाले लोग रहते हैं जिनके तरह- तरह के रस्म और रिवाज हैं जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अगर देश में सभी के लिए एक जैसा कानून लागू होगा तो इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होगा और आपसी सौहार्द बढ़ेगा। इसीलिए संविधान में UCC का जिक्र किया गया है, लेकिन उसे जबरन थोपने का प्रावधान संविधान में निहित नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि जागरुकता और आम सहमति का रास्ता अपनाना चाहिए। UCC की आड़ में संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति करना सही नहीं है।