नई दिल्ली: आज यानी 16 मार्च शनिवार को केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) की जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) को और पांच वर्ष के लिए प्रतिबंधित समूह घोषित कर दिया है। इसके साथ ही मोदी सरकार ने ‘जम्मू कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग’ (JKPFL) को भी अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंधित समूह घोषित किया है। इसके पहले केंद्र सरकार ने बीते 12 मार्च को जम्मू-कश्मीर के जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट (JKNF) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
“The Modi government has declared the ‘Jammu and Kashmir Liberation Front (Mohd. Yasin Malik faction)’ as an ‘Unlawful Association’ for a further period of five years,” says Union Home Minister Amit Shah. pic.twitter.com/Mh1OHJuPA6
— ANI (@ANI) March 16, 2024
इस बाबत आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी देते हुए कहा कि, केंद्र सरकार ने ‘जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट’ (यासीन मलिक धड़े) को और पांच वर्ष के लिए प्रतिबंधित समूह घोषित कर दिया है। आज सोशल मीडिया ‘X’ पर उन्होंने लिखा कि, JKLF अब भी जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में लिप्त है। अगर कोई देश की सुरक्षा, संप्रभुत्ता और अखंडता को चुनौती देते हुए पाया गया तो उसे कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।
देखा जाए तो केंद्र सरकार का यह फैसला अलगाववादियों पर बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। JKLF और JKPFL संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है। JKLF का प्रमुख यासीन मलिक गिरफ्तार हैं और फिलहाल वह जम्मू की कोट बलवल जेल में बंद हैं।
जानकारी दें कि, साल 2019 पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादियों और 155 नेताओं का सुरक्षा कवर हटा दिया था। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबी वाहिद मुफ्ती और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल भी प्रमुखता शामिल थे।