नयी दिल्ली/पटना. दोपहर की एक बड़ी खबर के अनुसार बीते 8 साल पहले पटना (Patna) के गांधी मैदान (Gandhi Maidaan) में BJP से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट (Serial Bomb Blast) कर तबाही मचाने वालों को अब इसकी सजा मिलने वाली है। जी हाँ आज यानी बुधवार को NIA कोर्ट के जज ने इस मामले में 9 आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। जबकि एक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में सजा सुनाने के लिए एक नवम्बर की तारीख मुकर्रर भी कर दी है।
2013 Gandhi Maidan, Patna serial blasts case | NIA Court Patna convicts 9 out of 10 accused, one accused acquitted in the absence of evidence.
The blasts had occurred at the venue of then prime ministerial candidate Narendra Modi’s “Hunkar” rally. pic.twitter.com/OPaKqhVpy8
— ANI (@ANI) October 27, 2021
बता दें कि इस कांड में 6 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी जबकि 89 लोग बुरी तरह घायल भी हो गए थे। इस कांड की भयावकता को देखते हुए NIA की टीम ने सघन जांच और तफ्तीश के बाद 21 अगस्त 2014 को हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो। मुजिबुल्लाह अंसारी, मो। इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो। फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो। इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। कोर्ट ने फकरुद्दीदी को छोड़कर अन्य सभी 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है। अब दोषियों को आगामी एक नवम्बर यानी दिवाली के पहले सजा सुना दी जाएगी।
पांच दोषी पहले ही काट रहे उम्रकैद
गौरतलब है कि गांधी मैदान ब्लास्ट केस में बेऊर जेल में बंद 10 में से पांच आरोपियों को बोधगया ब्लास्ट मामले में भी उम्रकैद की सजा दी जा चुकी है। वहीं गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में सभी पक्षों की गवाही के बाद NIAकोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए आज यानी 27 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की थी। अब ये यह संयोग ही है कि कोर्ट ने गांधी ब्लास्ट मामले में इंसाफ के लिए उसी तारीख को चुना जिस तारीख पर यह भयानक धमाके किए गए थे।
क्या था कांड
पता हो कि उक्त गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट तब हुआ था, जब देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीते 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में BJP की एक रैली को संबोधित करने के लिए पटना पहुंचे हुए थे। इस घटना में 6 लोग मारे गए थे और वहीं 89 घायल हुए थे। मामले की सघनता को देखते इसकी जांच का दायित्व NIA को सौंपा गया था।