नई दिल्ली: आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गगनयान (Gaganyaan) के टीवी-डी1 परीक्षण यान के सफल प्रक्षेपण की शनिवार को सराहना की और कहा कि इसने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की एक और उल्लेखनीय यात्रा की पटकथा लिखी है। जानकारी दें कि ‘क्रू मॉड्यूल’ (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) एवं ‘क्रू एस्केप’ (चालकदल बचाव प्रणाली) से लैस एकल चरण तरल प्रणोदन रॉकेट को शनिवार को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया।
PM मोदी ने दी बधाई
इस बाबत आज PM मोदी ने सोशल मीडिया ‘X’पर ट्वीट किया कि, “यह प्रक्षेपण हमें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान को साकार करने के एक कदम और करीब ले जाता है। ISRO में हमारे वैज्ञानिकों को मेरी शुभकामनाएं।”
On the successful launch of the Gaganyaan TV-D1 mission, Prime Minister Narendra Modi tweets, ” This launch takes us one step closer to realising India’s first human space flight program, Gaganyaan. My best wishes to our scientists at ISRO” pic.twitter.com/ANUVK8EKfF
— ANI (@ANI) October 21, 2023
गृह मंत्री अमित शाह ने भी दी शुभकामनाएं
इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी गगनयान के टीवी-डी1 परीक्षण यान के सफल प्रक्षेपण पर सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर लिखा, “चंद्रयान तीन के सफल प्रक्षेपण के बाद हमारा देश अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाने के लिए तैयार है। आज इसरो ने गगनयान के टीवी-डी1 परीक्षण यान का प्रक्षेपण कर अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और उल्लेखनीय यात्रा की पटकथा लिखी।” उन्होंने कहा, “मैं सफलता के इस महत्वपूर्ण अवसर पर हमारे वैज्ञानिकों और हमारे नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूं।”
After the successful launch of the Chandrayaan-3, our nation is ready to take its next giant stride in the realm of space.
Today the @isro launched #Gaganyaan‘s TV-D1 Test Flight into space scripting another remarkable space odyssey. My heartfelt congratulations to our… pic.twitter.com/X2rfHWX9t8
— Amit Shah (@AmitShah) October 21, 2023
जानकारी दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इस प्रक्षेपण के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘गगनयान’ की दिशा में आगे एक और कामयाब कदम बढ़ाया। ISRO का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है। इस बाबत ISRO ने बीते शुक्रवार को कहा था कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशन के लिए आधार तैयार करेगी, जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा।