
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाई। PM मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार को सुबह 11 बजे दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन (Janakpuri West-Botanical Garden) पर भारत की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन संचालन का भी उद्घाटन किया। वह एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन (Airport Express Line) पर पूरी तरह से परिचालन नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (National Common Mobility Card) सेवाओं के साथ-साथ एक ही कार्यक्रम में लॉन्च हुई।
Delhi: PM Narendra Modi inaugurates India’s first driverless train on Delhi Metro’s Magenta Line & launches National Common Mobility Card on the Airport Express Line, via video conferencing. pic.twitter.com/QpDTPZ8Z3h
— ANI (@ANI) December 28, 2020
पीएम मोदी ने कहा, “कुछ दशक पहले जब urbanisation का असर और urbanisation का भविष्य, दोनों ही बिल्कुल साफ था तो उस समय एक अलग ही रवैया देश ने देखा। भविष्य की जरुरतों को लेकर उतना ध्यान नहीं था, आधे-अधूरे मन से काम होता था, भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। इस सोच से अलग, आधुनिक सोच ये कहती है शहरीकरण को चुनौती ना मानकर एक अवसर की तरह इस्तेमाल किया जाए। एक ऐसा अवसर जिसमें हम देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। एक ऐसा अवसर जिससे हम Ease of Living बढ़ा सकते हैं। सोच का ये अंतर शहरीकरण के हर आयाम में दिखता है।
उन्होंने आगे कहा कि “2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी। आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है। वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं। साल 2014 में देश में सिर्फ 248 किलोमीटर मेट्रो लाइन्स आपरेशनल थीं। आज ये करीब तीन गुनी यानी सात सौ किलोमीटर से ज्यादा है। वर्ष 2025 तक हम इसका विस्तार 1700 किलोमीटर तक करने का प्रयास कर रहे हैं।”
Next-generation infrastructure for Delhi. Watch. https://t.co/LK789BkE3x
— Narendra Modi (@narendramodi) December 28, 2020
PM ने कहा, “ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं ये करोड़ों भारतीयों के जीवन में आ रही Ease of Living के प्रमाण हैं। ये सिर्फ ईंट पत्थर, कंक्रीट और लोहे से बने इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं बल्कि देश के नागरिकों, देश के मिडिल क्लास की आकांक्षा पूरा होने के साक्ष्य हैं।” “हमारी सरकार ने मेट्रो पॉलिसी बनाई और उसे चौतरफा रणनीति के साथ लागू भी किया। हमने जोर दिया स्थानीय मांग के हिसाब से काम करने पर, हमने जोर दिया स्थानीय मानकों को बढ़ावा देने पर, हमने जोर दिया मेक इन इंडिया विस्तार पर, हमने जोर दिया आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग पर।”
हमने ध्यान दिया कि मेट्रो का विस्तार, ट्रांसपोर्ट के आधुनिक तौर-तरीकों का इस्तेमाल शहर के लोगों की जरुरतों और वहां की प्रोफेशनल लाइफस्टाइल के हिसाब से ही होना चाहिए। यही वजह है कि अलग अलग शहरो में अलग अलग तरह की मेट्रो रेल पर काम हो रहा है।
RRTS- दिल्ली मेरठ RRTS का शानदार मॉडल दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा। मेट्रोलाइट- उन शहरों में जहां यात्री संख्या कम है वहां मेट्रोलाइट वर्जन पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है।
मेट्रो नियो – जिन शहरों में सवारियां और भी कम है वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। इसी तरह है वॉटर मेट्रो- ये भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है। मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए, मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है।
मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है, और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गयी है। आज चार बड़ी कंपनियां देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं।
Make in India पर बोलते हुए उन्होंने कहा, दर्जनों कंपनिया मेट्रो कंपोनेंट्स के निर्माण में जुटी हैं। इससे Make in India के साथ ही, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मदद मिल रही है। अभी मुझे बिना ड्राइवर के चलनी वाले मेट्रो रेल का उद्घाटन करने का अवसर मिला है।
आज इस उपलब्धि के साथ ही हमारा देश दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जहां इस तरह की सुविधा हैं। हम ऐसे ब्रेकिंग सिस्टम का भी प्रयोग कर रहे हैं जिनमें ब्रेक लगाने पर 50 प्रतिशत उर्जा वापस ग्रिड में चली जाती है। आज मेट्रो रेल में 130 मेगावाट सोलर पावर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 600 मेगावाट तक ले जाया जाएगा।
PM ने कहा, “आधुनिकीकरण के लिए एक ही तरह के मानक और सुविधाएं उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय स्तर पर कॉमन मोबिलिटी कार्ड इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। आप जहां कहीं से भी यात्रा करें, आप जिस भी public transport से यात्रा करें, ये एक कार्ड आपको integrated access देगा। आज तमाम व्यवस्थाओं को एकीकृत करके देश की ताकत को बढ़ाया जा रहा है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत को मजबूत किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की तरह ही बीते वर्षों में हमारी सरकार ने देश की व्यवस्थाओं का एकीकरण करने के लिए अनेक काम किए हैं। वन नेशन, वन Fastag से देशभर के हाइवे पर ट्रैवल सीमलेस हुआ है। वन नेशन, वन टैक्स यानि GST से देशभर में टैक्स का जाल समाप्त हुआ है। वन नेशन, वन पावर ग्रिड, से देश के हर हिस्से में पर्याप्त और निरंतर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है। बिजली का नुकसान कम हुआ है।”
4 साल पहले दुबई की ड्राइवर लेस मेट्रो में सफ़र करते वक़्त यही सोच रहा था कि भारत में ऐसा कब मुमकिन हो पाएगा. आज जब देश की पहली ड्राइवरलेस दिल्ली मेट्रो मजेंटा लाइन पर दौड़ी तो विदेशी सरज़मीं पर वो पुराना सफ़र भी याद आ गया. @TheNehaTweets ❤️ pic.twitter.com/qdHqwqnmOT
— Samir Abbas (@TheSamirAbbas) December 28, 2020
वो पुराना सफ़र भी याद आ गया
इस बीच, ‘TV9 भारतवर्ष’ के एक्जीक्यूटिव एडिटर, समीर अब्बास ने इस ट्रेन से यात्रा की और अपना अनुभव ट्वीटर पर लिखा- “4 साल पहले दुबई की ड्राइवर लेस मेट्रो में सफ़र करते वक़्त यही सोच रहा था कि भारत में ऐसा कब मुमकिन हो पाएगा. आज जब देश की पहली ड्राइवरलेस दिल्ली मेट्रो मजेंटा लाइन पर दौड़ी तो विदेशी सरज़मीं पर वो पुराना सफ़र भी याद आ गया.”